पानीपत । हरियाणा की लड़कियां केवल पहलवानी ही नहीं करती वह अंतरिक्ष विज्ञान में भी झंडे गाड़ रही हैं। हरियाणा के पानीपत का नाम पहुंच गया है। गौरव के पल पानीपत की 10 बेटियों की प्रतिभा से मिला है। पानीपत की इन बेटियों एक खास सैटेलाइट बनाने में अहम योगदान दिया है। इसे आज इसरो ने श्रीहरिकोटा से राकेट द्वारा लांच किया। इस मौके पर पानीपत की ये बेटियां श्रीहरिकोटा पहुंची थीं। ये छात्राएं पानीपत के एनएफएल स्थित पाइट संस्‍कृति सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल की हैं। दरअसल, इसरो ने बेटियों को अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरूक करने और उनकी प्रतिभा को अवसर देने के लिए स्‍पेस किडस इंडिया मिशन शुरू किया है। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर तय किया गया कि देशभर के 75 स्‍कूलों की बेटियों से सैटेलाइट बनवाई जाएं।
इन्‍हीं सैटेलाइट को अंतरिक्ष में स्‍थापित किया जा रहा है। इनका नाम रखा गया सैटेलाइट आजादीसैट। पानीपत के इंजीनियरिंग एंड टेक्‍नॉलोजी कॉलेज में आसपास के 13 स्‍कूलों की बच्चियों को ट्रेनिंग दी गईं। यहीं पर छात्राओं ने सैटेलाइट बनाए और प्रोग्रामिंग की। आखिरकार, पाइट स्‍कूल की दस छात्राओं के सैटेलाइट का चयन कर लिया गया। पहली बार स्‍माल सैटेलाइट लान्‍च व्‍हीकल (एसएसएलवी) अंतरिक्ष की कक्षा में स्‍थापित किया जा रहा है। यह महज आठ किलोग्राम का है। जमीन की मैपिंग में इस सैटेलाइट का इस्‍तेमाल होगा। पीएसएलवी को बनाने में सौ दिन लग जाते थे। छह सौ से ज्‍यादा लोग काम करते थे। पर इस सैटेलाइट को छह से सात लोग आसानी से एसेंबल कर सकते हैं। छात्राओं ने इसकी प्रोग्रामिंग की है।
12वीं की श्रेया का कहना है कि वह विज्ञानी बनना चाहती है। हमने जो सैटेलाइट बनाए, अब उन्‍हें अपनी आंखों से लांच होते देखना अद्भूत है। यह बेहद रोमांच भरा रहा। नौवीं कक्षा की शिनी का कहना है कि सैटेलाइट की ट्रेनिंग के वक्‍त सोचा था कि इनको एक बार देख लें। देखते ही देखते खुद इसे बनाया और अब लांांच भी हो गया है। स्‍कूल की नौवीं से 12वीं कक्षा तक की बेटियों का चयन हुआ है। पाइट स्‍कूल के चेयरमैन सुरेश तायल व सचिव राकेश तायल ने कहा कि बेटियां प्रतिभाशाली हैं। इन्‍हें अवसर मिला तो इन्‍होंने बता दिया कि अंतरिक्ष तक भी देश का नाम रोशन कर सकती हैं। पानीपत के लिए यह गौरव का विषय है कि यहां की बेटियां का बनाया सैटेलाइट लांच हुआ है।