उज्जैन ।   पुलिस ने 24 घंटे में सुलझाई अपहरण और लूट की गुत्थी। मुख्य आरोपी बलराम पिता शोभाराम परमार वेदनगर का ही रहने वाला है। वो शकुंतलाबाई के घर के सामने ही केयर टेकर का काम करता है।  वेद नगर क्षेत्र से 26 फरवरी की रात वृद्ध महिला के अपहरण और लूट के 24 घंटे के अंदर ही पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। बता दें वेद नगर क्षेत्र से एक वृद्ध का अपहरण कर कुछ लोग उन्हें सफेद कार में बैठकर भूखी माता क्षेत्र में ले गए। वहां उन्हें डरा धमका कर सारे आभूषण लूट लिए और वहीं छोड़ दिया गया। इस लूट के बाद उज्जैन पुलिस इस मामले को सुलझाने में लगी हुई थी। पहले सीसीटीवी फुटेज खंगाले और इन आरोपियों पर 20000 का इनाम भी घोषित किया। इसके बाद 24 घंटे में इस अपहरण और लूट के मामले को सुलझाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मामले का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि 26 फरवरी 2024 को शहर की रहवासी कॉलोनी वेदनगर में रात के समय शकुंतला पति जगदम्बाप्रसाद पाण्डे उम्र 74 वर्ष के साथ हुई अपहरण एवं लूट के मामले में हमारी टीम ने घटनास्थल के आसपास एवं संभावित मार्गों पर पूछताछ कर जानकारी एकत्रत की। आपराधिक रिकार्ड के आधार पर दर्जनों संदेहियों से पूछताछ की गई। टीम ने बलराम पिता शोभाराम परमार उम्र 24 साल नि. ग्राम खण्डोदा थाना इंगोरिया, हा. मु. वेदनगर उज्जैन और लालसिह उर्फ लाला पिता सिदधू परिहार उम्र 25 साल निवासी ग्राम नागपुरा थाना भेरूगढ़ उज्जैन को गिरफ्तार किया। आरोपियों से घटना में लूटी गई सोने की चेन, सोने का टाप्स एवं घटना में प्रयुक्त सफेद रंग की आर्टीगा कार व 65 हजार रुपये का जब्त किए हैं।

शकुंतलाबाई के घर के सामने रहता है घटना का मुख्य आरोपी

पुलिस अधीक्षक प्रदीप शर्मा ने बताया कि घटना का मुख्य आरोपी बलराम पिता शोभाराम परमार वेदनगर का ही रहने वाला है। आरोपी ने नर्सिंग का कोर्स किया है। वह शकुंतलाबाई के घर के सामने ही केयर टेकर का काम करता है। इस कारण वह फरियादीया को जानता है। उनकी दैनिक गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी रखता है। 

बलराम ने अपने रिश्तेदार लालसिंह को शकुंतलाबाई के संबंध में जानकारी देकर लालसिंह की सफेद रंग की बिना नम्बर की अर्टिगा कार में बैठकर शकुंतलाबाई के मंदिर जाने के रास्ते पर इंतजार किया। जैसे ही शकुंतलाबाई मंदिर से अपने घर के लिए वापस आ रही थी उसे जबरदस्ती कार में बैठा लिया। उसके गहने ले लिए एवं एकांत रास्तों से होते हुए चिंतामण ब्रीज के पास फरियादीया को उतारकर भाग गए। वाहन की पहचान न हो सके इसलिए आरोपियों ने घटना के तुरंत बाद वाहन पर फर्जी नम्बर प्लेट लगा ली दी।