बुरहानपुर  ।  मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में मौसम विभाग की यलो अलर्ट की पूर्व चेतावनी के चलते सोमवार दोपहर से ही मौसम में अचानक तब्दीली आ गई थी। सोमवार की शाम करीब एक घंटा तेज बारिश हुई। फिर बारिश थमने के बाद माहौल में ठंडक आ गई। रात भर बिजलियां चमकती रहीं और तीसरे पहर में एक बार फिर झमाझम बारिश हुई। बारिश इतनी तेज थी कि जिले के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बंद रही, सुबह होते ही जिले भर में हुई यह बारिश किसानों के लिए आफत की बारिश साबित हुई।

किसानों ने किया ओलावृष्टि का दावा

शाहपुर क्षेत्र के बंभाडा निवासी किसान गणेश महाजन ने बताया कि देर रात हुई बारिश के साथ ओले भी गिरे। इस वजह से किसानों की गेहूं, मक्का, चना, और केली की खड़ी फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने शासन प्रशासन से बेमौसम बारिश से किसानों की जिन-जिन फसलों का नुकसान हुआ है, उसका सर्वे कराकर पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा देने की मांग की।

‘जिले में ओलवृष्टि नहीं अतिवृष्टि हुई’

इस मामले में बुरहानपुर कलेक्टर भव्या मित्तल ने मीडिया को बताया कि किसानों और कोटवारों से मिली जानकारी के अनुसार बुरहानपुर जिले में कहीं भी ओलवृष्टि नहीं हुई, लेकिन अतिवृष्टि जरूर हुई है।

कलेक्टर ने बताया कि किसानों और कोटवारों से मिल रही जानकारी के अनुसार और राजस्व विभाग की पूरी टीम फील्ड पर है। अतिवृष्टि से कुछ फसलों में नुकसान की जानकारी मिली है। किसानों की सूचना पर पटवारियों व राजस्व विभाग की टीमों को फील्ड में भेजा गया है। प्रारंभिक रूप से नेपानगर और नावरा क्षेत्र में नेपानगर तहसील में ही गेहूं और मक्का में नुकसान की जानकारी मिली है। फिलहाल किसी दूसरी तहसील में नुकसान की जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि नावरा क्षेत्र में 10 गांव अतिवृष्टि से प्रभावित हुए हैं। नेपानगर में भी जांच चल रही है। मैदानी जांच के बाद अगर जानकारी मिलती है कि किसी गांव में अधिक नुकसान हुआ है। तीन दिवस में टीम को सर्वे करने के निर्देश दिए जाएंगे और नियमानुसार मुआवजे की व्यवस्था करेंगे। निंबोला क्षेत्र में अतिवृष्टि से एक मकान को आंशिक रूप से क्षति हुई है।
 
किसान संगठनों की मुआवजा देने की मांग

मप्र प्रगतिशील किसान संगठन के अध्यक्ष रघुनाथ पाटील ने बताया कि किसानों से जानकारी ली जा रही है कि कहां-कहां अतिवृष्टि और कहां-कहां पर ओलावृष्टि हुई है। हमने कलेक्टर साहब से बेमौसम बरसात से जिन-जिन किसानों की गेहूं चना, मक्का और तरबूज की फसल को नुकसान पहुंचा है। उनका सर्वे कराकर उचित मुआवजा देने की मांग की  है। साथ ही किसान नेता रघुनाथ पाटील ने दोहराया कि इस बारिश में जिन-जिन किसानों का चना और गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। उनकी उपज को भी समर्थन मूल्य पर लेने का आग्रह शासन प्रशासन से किया गया है।
 
शिवपुरी में अचानक मौसम बदला; ओलावृष्टि-बारिश ने किसानों की बढ़ाई मुसीबत

शिवपुरी जिले में अचानक मौसम में आए बदलाव के बीच बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है। खासकर सरसों, धनिया और गेहूं की फसलों को नुकसान की आशंका व्यक्त की गई है। शिवपुरी जिले में मंगलवार की सुबह सतनवाड़ा, ठेह, डोंगर, लखनगांव और इसके आसपास के गांवों में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। अचानक बदले इस मौसम के बीच जिले के कोलारस ब्लॉक के कोलारस, डेहरवारा, रामपुर, मड़ीखेड़ा, कुलवारा के अतिरिक्त रन्नौद क्षेत्र के गुरुकुदवाया, अकाझिरी आदि गांवों में ओलावृष्टि होने की खबर है।

वहीं, किसानों ने बताया कि इस ओलावृष्टि और बारिश से इस इलाके में गेहूं, सरसों, धनिया की फसलों को नुकसान हुआ है। अचानक मौसम में आए इस बदलाव के बीच इस ओलावृष्टि ने किसानों की मुसीबत बढ़ा दी है, क्योंकि कई खेतों में पक कर फसलें तैयार थीं तो कई जगहों पर फसल कट चुकी थी और खेतों में रखी थी। कई किसानों ने बताया कि सरसों और गेहूं की फसलें तो पक कर तैयार थीं और काटने की तैयारी थी। लेकिन अचानक इस ओलावृष्टि ने नुकसान पहुंचा दिया है।
 
न्यूनतम तापमान में दर्ज की गई गिरावट

शिवपुरी में पिछले दो दिन से मौसम में अचानक परिवर्तन देखने को मिला। सोमवार रात को कई जगह बारिश हुई। इसके अलावा मंगलवार को सुबह शिवपुरी शहर में एक घंटे की बारिश हुई। इसके कारण मौसम में बदलाव देखने को मिला। ग्रामीण क्षेत्र में बारिश के अलावा ओलावृष्टि के समाचार मिले हैं। इस बारिश और ओलावृष्टि के कारण मौसम में आए इस बदलाव के बीच ठंड अचानक बढ़ गई है। न्यूनतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मंगलवार को न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
 
किसानों ने सर्वे की मांग उठाई

शिवपुरी जिले में बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के बाद डोंगर गांव, ठेह, सतनवाड़ा आदि क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई है। यहां के किसानों ने सरसों की फसलों को नुकसान बताया है। डोंगर गांव के रहने वाले किसान मुकेश गुर्जर ने बताया कि इस ओलावृष्टि से सरसों की फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने जल्द से जल्द जिला प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों से सर्वे करने की मांग की है।