सेंधवा ।  बड़वानी जिले के पानसेमल वन परिक्षेत्र में बुधवार को अर्ध बेहोशी की हालत में मिले वयस्क तेंदुए को शाम को उपचार के लिए इंदौर स्थित चिड़ियाघर भेज दिया गया है। सेंधवा के वन मंडलाधिकारी अनुपम शर्मा ने बताया कि पानसेमल वन परिक्षेत्र के जाहूर ग्राम स्थित एक किसान भाव सिंह ठाकुर के खेत से लगे नाले के समीप तेंदुए के होने की सूचना पर वन अमले को भेजा गया था। वन अमले ने पाया कि करीब 4 वर्ष का नर तेंदुआ अर्ध बेहोशी की हालत में धीरे-धीरे गुर्रा तो रहा है, लेकिन वह चल फिर नहीं पा रहा था। उन्होंने बताया कि तेंदुए के शरीर पर किसी भी प्रकार की चोट के निशान नहीं पाए गए। वन अमला वयस्क तेंदुए के समीप करीब आधे घंटे तक नहीं गया। उन्होंने बताया कि ट्रेंकुलाइजर आदि की व्यवस्था नहीं होने के चलते इंदौर स्थित रालामंडल की टीम को सूचित किया गया। इस बीच वन अमले ने तेंदुए का ऊर्जा स्तर अत्यंत कम हो जाने के बाद उसे पिंजरे में पहुंचाने में सफलता प्राप्त की और वन परिक्षेत्र कार्यालय पानसेमल में पहुंचाया। वहां पशु चिकित्सकों ने उसे दवाइयों का घोल देने की कोशिश की, लेकिन तेंदुए ने शुरुआती दौर में इन्हें नहीं लिया और न ही किसी प्रकार का भोज्य पदार्थ ग्रहण किया। करीब पांच घंटे तक तरल दवाइयां देने के बाद तेंदुए की स्थिति में सुधार आया। उन्होंने कहा कि शेड्यूल एक के वन्य प्राणी होने के चलते घटना के बारे में भोपाल स्थित प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य प्राणी) को पत्र लिखकर सूचित किया गया है। वन मंडलाधिकारी ने बताया कि प्रथमदृष्ट्या ऐसा प्रतीत हो रहा था कि तेंदुए को जहर देकर अथवा करंट से मारने की कोशिश की गई है लेकिन उसकी स्थिति में सुधार हुआ है और इन कारणों को फिलहाल नहीं माना जा रहा है। तेंदुए की स्थिति ऐसी क्यों हुई, अब इंदौर के डाक्टर ही स्पष्ट कर पाएंगे। उन्होंने बताया कि इंदौर की रेस्क्यू टीम उसे अपने साथ ले गई है। पानसेमल के वन परिक्षेत्र अधिकारी मंगेश बुंदेला ने बताया कि तेंदुए को रस्सी की सहायता से खींच कर पिंजरे के अंदर किया गया। तेंदुए को खड़े होने में दिक्कत थी और ऐसा लग रहा था कि उसके पिछले दोनों पैर काम नहीं कर रहे। उन्होंने कहा कि संभवत: पेड़ से कूदने या छलांग लगाने के दौरान असंतुलित के चलते उसे कोई अंदरूनी चोट लगी है