*फागुन मेले की बंद हुई परंपरा पुनः करेगे प्रारंभ ताकि लौट सके रौनक व नगर का गौरव: मनीष सोलंकी*

*पुर्णा नगरी में पहुंचे झुले,* *धार्मिक माहौल के बीच मनोरंजन*

भैंसदेही  नगर परिषद अध्यक्ष मनीष सोलंकी ने एक ऐतिहासिक फैसला नगर की जनता के लिए एक बार फिर से लिया है, जिसके तहत बंद हो गई भैंसदेही शहर की वह परंपरा जो बुजुर्गों के समय से निरंतर चले आ रही थी। पुर्णा नगरी भैंसदेही में विगत कई वर्षों से फागुन मेले आयोजन चलता था और इस फागुन के बाजार में निरंतर दूर-दूर से लोग यहां घूमने के लिए आते थे और व्यापारी भी 1 महीने तक अपनी दुकानें नगर में स्थापित करते थे लेकिन यह परंपरा पिछले 15 सालों से शहर में खत्म हो चुकी थी और व्यापारी भी और आसपास क्षेत्र की जनता भी फागुन मेले के बाजार में गुमनाम हो चुकी थी लेकिन नगर परिषद के नगर परिषद अध्यक्ष मनीष सोलंकी, उपाध्यक्ष श्रीमती कुसुम सिंह किलेदार एवं समस्त पार्षद गणों के सहयोग से ऐतिहासिक फैसला लेते हुए फिर से शहर में फागुन मेले को सुचारू रूप से प्रारंभ करने का प्रस्ताव लिय है। और जल्द इस बार भैंसदेही शहर में 15 सालों से खत्म हुई परंपरा को फिर से एक बार जीवित किया जाएगा और शहर में एक महीने तक फिर से बच्चों के लिए झूले, महिलाओं के लिए मीना बाजार की व्यवस्था नगर परिषद के माध्यम से की जायेगी। नगर परिषद अध्यक्ष मनीष सोलंकी ने कहा कि काफी लंबे अरसे से हम देखते आ रहे हैं की फागुन मेले में पहले झूले, मीना बाजार हुआ करता था और तरह-तरह के आधुनिक उपकरण मेले में आए करते थे लेकिन जगह की कमी होने की वजह से व्यापारियों ने फागुन मेले में आना बंद कर दिया था फागुन बाजार नहीं कि जैसा लगने लगा था इस बार नगर परिषद में हमने परिषद में चर्चा कर मेले को फिर से प्रारंभ करने का कार्य किया है इसी उद्देश्य को लेकर मेले को लगाने को लेकर झूले और मीना बाजार के मालिकों ने मालिकों ने आकर मुलाकात की है और उन्हें हमने यहां भरोसा दिया कि नगर परिषद की ओर से मीना बाजार और मेले को सुचारू रूप से चलाने के लिए उन्हें भरपूर सहयोग प्रदान किया जाएगा ताकि नगर की जनता फागुन मेले का विलुप्त उठा सके और इस परंपरा को हम फिर से एक बार सुचारू रूप से चला सके। इसी तारतम्य में शनिवार के दिन मां पूर्णा की नगरी भैंसदेही में झूले सहित अन्य सामान मेला स्थल शीतला चौक पर पहुंचा। जिसमें नगर में उत्साह का माहौल बना हुआ है। नगर के अलावा आसपास के क्षेत्र में भी नगर परिषद के इस पहल की भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।