भोपाल : कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जायसवाल ने आज मंत्रालय में अपने कक्ष में विधिवत पूजा-अर्चना कर कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात राज्यमंत्री जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों से परिचय प्राप्त किया और संचालित योजनाओं एवं विभागीय कार्यों की जानकारी ली। इस अवसर पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के सचिव ललित दाहिमा, आयुक्त रेशम मदन नागरगोजे, आयुक्त हथकरघा, खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड एवं मध्यप्रदेश संत रविदास हस्तशिल्प विकास निगम की प्रबंध संचालक सूफिया फारूकी, कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग के अवर सचिव जी.एस. आर्य सहित अन्य विभागीय अधिकारी व जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे। इस अवसर पर कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जायसवाल ने रेशम महासंघ के अध्यक्ष का भी कार्यभार ग्रहण किया।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी अपनाने की मंशा को आत्मसात् करते हुए हम प्रदेश के कारीगरों एवं कलाकारों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में कार्य करेंगे और "प्रधानमंत्री विश्वकर्मा स्वरोजगार योजना" के तहत अधिक से अधिक हितग्राहियों को जोड़ने का प्रयास करेंगे। बजट का समुचित उपयोग कर कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग को नई ऊँचाइयों तक ले जाने के लिये संकल्पित होकर कार्य करेंगे।

विभागीय योजनाओं की जानकारी लेकर राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जायसवाल ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ होते हैं। इससे जरूरतमंदों को रोजगार मिलता है और उनका हुनर भी सामने आता है। इसी उद्देश्य से भारत सरकार ने सभी कारीगरों एवं कलाकारों को उनके उत्पाद एवं कला का अधिकतम मूल्य और लाभ में सीधा हिस्सा दिलाने के लिये ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स - ओएनडीसी (भारत का अपना अमेजन) नामक खुद का स्वदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफार्म तैयार किया है। इस प्लेटफार्म के जरिये ग्रामीण कारीगरों को उनके उत्पादों की मार्केटिंग एवं क्रेताओं को सीधा विक्रय कर लाभ दिलाया जाएगा। यह कार्य एनएसई सिल्क इनक्यूबेटर द्वारा किया जाएगा। कारीगरों एवं कलाकारों के उत्पाद यूरोप, मध्य एशिया (मिडिल ईस्ट), अमेरिका और अन्य देशों को निर्यात किये जायेंगे। भारत सरकार के इस देशी ई-कामर्स प्लेटफार्म को सबसे पहले मध्यप्रदेश में लागू करने के नवोन्मेषी प्रयास किये जा रहे हैं। इससे प्रदेश के कारीगरों एवं कलाकारों के उत्पादों को उनके घर से एकत्रित कर उसे ओएनडीसी प्लेटफार्म पर प्रदर्शित किया जाएगा। क्रेता अपनी पसंद के अनुसार यह उत्पाद खरीद सकेंगे। इससे उस उत्पाद के कारीगर को अधिकतम मूल्य मिलेगा और शत-प्रतिशत लाभ उसके हिस्से में आयेगा।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जायसवाल ने कहा कि 'रेशम की खेती से किसानों की समृद्धि' सुनिश्चित करने के लिये कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग कटिबद्ध होकर प्रयास करेगा। इस लक्ष्य के तहत किसानों को उनके खेतों में रेशम की खेती कराकर उन्हें एक लाख रूपये प्रति एकड़ सालाना आय दिलाने के प्रयास किये जायेंगे।

राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) यसवाल ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागीय कार्यों एवं विपणन गतिविधियों में और गति लाई जाए और सकारात्मक व रचनात्मक सोच के साथ "हर हाथ को काम" दिलाने के लक्ष्य की पूर्ति के लिये हरसंभव प्रयास किए जाएं।