आचार्य चाणक्य के अनुसार अच्छी सेहत ही सबसे बड़ा धन होती है क्योकि सेहत ठीक रहेगी तो आप किसी भी तरह की परेशानी से लड़ने में सक्षम रहेंगे। आचार्य चाणक्य (Chanakya Niti) इससे संबंधित भी कई नीतियां अपनी पुस्तकों में बताई है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार, काफी बीमारियां तो केवल नहाने से ही दूर हो जाती हैं। आचार्य ने अपनी नीतियों में 4 ऐसे कामों के बारे में बताया है, जिन्हें करने के बाद नहाना बहुत जरूरी है। आगे जानिए कौन-से हैं वो 4 काम.

तेल मालिश के बाद
चाणक्य नीति के अनुसार, तेल मालिश सेहत के लिए अच्छी होती है, इससे शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और त्वचा भी चमकदार हो जाती है। तेल मालिश से कई तरह के शारीरिक लाभ भी मिलते हैं। तेल मालिश के तुरंत बाद नहाना जरूर चाहिए। नहीं तो सेहत पर इसका बुरा असर हो सकता है। नहाने से शरीर का जो मैल तेल मालिश से निकला है, वह तुरंत दूर हो जाता है।

शवयात्रा से लौटकर
हिंदू धर्म में शवदाह से जुड़े कई नियम बताए गए हैं। उन्हीं में से एक है श्मशान जाने के बाद नहाने का। ऐसा इसिलए किया जाता है क्योंकि शव को जलाने के बाद कई तरह के हानिकारक कीटाणु हमारे बालों में और कपड़ों पर चिपक जाते हैं, यदि इन्हें साफ न किया जाए तो सेहत खराब हो सकती है। अत: शवदाह करके जैसे ही घर आएं, सबसे पहले स्नान जरूर करें।

स्त्री प्रसंग के बाद
स्त्री हो या पुरुष, प्रेम-प्रसंग (काम क्रिया) के बाद दोनों को नहाना चाहिए। आचार्य चाणक्य के अनुसार, रति क्रिया के बाद स्त्री और पुरुष, दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं। इस अवस्था में वे कोई दूसरा काम नहीं कर सकते जैसे पूजा-पाठ आदि। आचार्य चाणक्य के अनुसार रति क्रिया के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए या फिर सुबह उठते ही। ऐसा करने से मन में पवित्रता का भाव बना रहता है।

बाल कटवाने के बाद
आचार्य चाणक्य के अनुसार, बाल कटवाना या शेविंग करवाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं जो कि नहाने के बाद ही शरीर से साफ हो सकते हैं। अत: इस कार्य के बाद तुरंत नहाना चाहिए। ये नियम महिलाओं पर भी लागू होता है।