नई दिल्ली  उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के रिजल्ट के पहले वाराणसी में समाजवादी पार्टी ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया है। यह मामला इतना बढ़ गया कि हिंसा हुई और प्रशिक्षण के लिए गाड़ी में ईवीएम ले जा रहे ड्राइवर तक की पिटाई कर दी गई थी। अब इसी केस में 300 लोगों पर हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया है। एडीजी जोन की गाड़ी के ड्राइवर की ओर से ही यह केस दर्ज कराया गया है, जिस पर हमला हुआ था। हालांकि यह पहला मौका नहीं है, जब ईवीएम को लेकर इस तरह से सवाल उठे हैं। पहली बार भाजपा के नेता और पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने ही इस पर सवाल खड़े किए थे।

दरअसल 2009 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद उन्होंने इस पर सवाल खड़े किए थे। आडवाणी ने ईवीएम पर सवाल उठाते हुए 2009 में ही अक्टूबर महीने में हुए महाराष्ट्र विधानसभा समेत 4 राज्यों के चुनावों को बैलेट पेपर के जरिए ही कराए जाने की मांग की थी। लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था, 'हमें तब तक के लिए बैलेट पेपर से ही चुनाव कराने का फैसला लेना चाहिए, जब तक कि आयोग यह सुनिश्चित नहीं करता है कि ईवीएम पूरी तरह से सेफ हैं और उनसे कोई भी छेड़छाड़ नहीं की जा सकती।' यह पहला मौका था, जब किसी राष्ट्रीय नेता और बड़े दल की ओर से ईवीएम पर सवाल खड़े किए गए थे। 

जर्मनी का उदाहरण देते हुए उठाया था सवाल

उस दौरान भाजपा ने जर्मनी में ईवीएम पर बैन लगाए जाने का उदाहरण दिया था। लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था, 'कोई भी चुनाव में धांधली को लेकर सवाल नहीं उठा रहा है। लेकिन बड़ा सवाल इस बात का है कि क्या ईवीएम से छेड़छाड़ की कोई संभावना है।' हालांकि चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा था कि आयोग इस बात को लेकर पूरी तरह संतुष्ट है कि ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। आयोग की ओर से इस संबंध में आईआईटी मद्रास के पूर्व निदेशक पी.वी इंद्रेशन के नेतृत्व में एक टेक्निकल कमिटी का गठन किया गया था। 

भाजपा नेता EVM पर लिखी थी पुस्तक, आडवाणी ने लिखी थी प्रस्तावना

गौरतलब है कि ईवीएम में खामियों को लेकर भाजपा के तत्कालीन प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने एक पुस्तक भी लिखी थी। यही नहीं इस पुस्तक की प्रस्तावना भी भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की ओर से लिखी गई थी। बता दें कि 2009 के आम चुनाव में आडवाणी भाजपा की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार थे, लेकिन पार्टी को करारी हार झेलनी पड़ी थी।