तेल अवीव ।  यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली में मंगलवार देर रात को गाजा में सीजफायर पर प्रस्ताव पारित हो गया। भारत ने इसके पक्ष में वोट किया। प्राप्त समाचार के मुताबिक 193 सदस्यीय यूएन में यूएई, सऊदी अरब समेत 153 देशों ने सीजफायर के पक्ष में वोट किया। अमेरिका, इजराइल समेत 10 देशों ने युद्धविराम के खिलाफ वोट किया। जब‎कि 23 देश वोटिंग में शामिल ही नहीं हुए। इधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी। बाइडेन ने कहा ‎कि गाजा में लगातार हमले करने की वजह से इजराइल ग्लोबल सपोर्ट खो रहा है। उन्हें जंग में रुख बदलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया तो इसका असर आने वाले समय में ठीक नहीं होगा। इस बीच नेतन्याहू ने माना की उनके अमेरिका से कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं। दरअसल, अमेरिका इजराइल पर गाजा में आम लोगों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाने दबाव डाल रहा है। हालांकि, इजराइल इसके खिलाफ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू ने मंगलवार रात एक वीडियो स्टेटमेंट जारी किया। इसमें कहा ‎कि हम जंग कैसे खत्म कर दें। हमारे नागरिकों और सैनिकों ने बेशुमार कुर्बानियां दी हैं। उन लोगों को खत्म किया जाएगा जिन्होंने हैवानियत दिखाई है। 
नेतन्याहू ने कहा ‎कि 1990 के दशक में हमने ओस्लो अकॉर्ड के रूप में एक गलती की थी। एक समझौता किया था। अब हम इसे दोहराना नहीं चाहते। अमेरिका से कुछ मुद्दों पर सहमति नहीं है। इसके बावजूद हम मदद के लिए उनके शुक्रगुजार हैं। उन्होंने कहा ‎कि हमने ग्राउंड ऑपरेशन का फैसला काफी विचार के बाद किया था और अब यह तभी खत्म होगा जब हमास का खात्मा कर दिया जाएगा। बंधकों की रिहाई पर कुछ चीजें चल रही हैं। सही वक्त पर ये बताई जाएंगी। अमेरिका और इजराइल के मतभेदों के बीच खबर है कि अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन जल्द ही इजराइल दौरे पर आ रहे हैं। माना जा रहा है कि ऑस्टिन बंधकों की रिहाई और सीजफायर पर प्रेसिडेंट जो बाइडेन का कोई मैसेज नेतन्याहू को दे सकते हैं।
हालां‎कि कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक- इजराइली डिफेंस मिनिस्टर योव गैलेंट के न्योते पर ऑस्टिन तेल अवीव आ रहे हैं। ऑस्टिन का यह दौरा इसलिए भी खास है, क्योंकि अमेरिका इजराइल पर यह दबाव डाल रहा है कि वो गाजा में आम लोगों को बचाने के लिए सख्त कदम उठाए। हालांकि, इजराइल का यह कहना है कि आम नागरिकों की ओट लेकर हमास आतंकी हमले कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्टिन किसी भी सूरत में इजराइल से सीजफायर के लिए नहीं कहेंगे। उनका पूरा फोकस इस बात पर होगा कि इजराइली सरकार और सेना गाजा में आम लोगों के लिए राहत के रास्ते खोले।