जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती जी को बालाजीपुरम में श्रध्दांजलि 

बालाजीपुरम में कई बार पधारे जगदगुरू शंकराचार्य 

बैतूल। सनातन धर्म के सबसे प्रमुख शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती जी के महाप्रयाण पर बालाजीपुरम में भी उनको सभी भक्तों ने श्रध्दासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर काफी संख्या में भक्त मंदिर के पुजारी आदि मौजूद थे।

भारत के पांचवेधाम श्री रूकमणि बालाजी मंदिर बालाजीपुरम बैतूल में आज 12 सिंतबर सोमवार को सुबह 6 बजे मंदिर का पट खुलने के बाद भगवान बालाजी के समक्ष सभी भक्त उपस्थित हुए और दो मिनट का मौन रखकर शंकराचार्य जी को श्रध्दाजंलि अर्पित की। इस अवसर पर बालाजीपुरम संस्थापक सेम वर्मा ने कहा कि शंकराचार्य जी सनातन धर्म के वटवृक्ष की तरह थे। उनके आशीष और मार्गदर्शन की छाया में हम सभी धर्मसेवा में जुटे थे। उनका देहावसान हम सभी के लिए एक बड़ी क्षति है। शंकराचार्य जी बालाजीपुरम की प्राण प्रतिष्ठा और उसके बाद प्रवचन आदि के लिए सतत यहां आते रहे हैं। उनकी प्रेरणा आदेश से ही बालाजीपुरम पांचवा धाम कहलाया है। पिछले साल 98 वें प्रकटोत्सव पर पूरा बालाजीपुरम परिवार शंकराचार्य जी के दर्शन के लिए गया था।
हम भगवान बालाजी से प्रार्थना करते हैं कि वे अपने चरणों में उनको स्थान दें ताकि उनका आत्मिक मार्गदर्शन हमें हमेशा मिल सके। श्रध्दांजलि कार्यक्रम के बाद बालाजीपुरम संस्थापक सेम वर्मा, प्रमुख पुजारी असीम पंडा स्वामी, सुनील व्दिवेदी आदि शंकराचार्य जी के समाधि कार्यक्रम के लिए ज्योतेश्वर धाम नरसिंहपुर रवाना हुए जहां आज सोमवार की शाम जगद्गुरु को समाधि दी आएगी।