सैन फ्रांसिस्को। भारत में ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए शुरू किए गए तीन क्लिनिक बंद हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक अमेरिकी एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट द्वारा दी जाने वाली फंडिंग पर रोक लगने के बाद यह कदम उठाया गया है। इस फंडिंग में कटौती से करीब पांच हजार लोगों की स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी में सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी थी। यह फैसला उनकी अमेरिका फर्स्ट नीति के तहत लिया गया, जिसके अंतर्गत अमेरिकी करदाताओं के पैसे से वित्त पोषित सभी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है।
ट्रंप ने पहले भी इस संस्था द्वारा भारत में मतदाता जागरूकता पर 21 मिलियन डॉलर खर्च करने की आलोचना की थी। भारत सरकार ने पिछले सप्ताह इस मामले की जांच शुरू करने की बात कही थी। इस घटना ने भारत और अमेरिका दोनों में राजनीतिक बहस छेड़ दी है। ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क और रिपब्लिकन सीनेटर जॉन केनेडी ने इस तरह की फंडिंग की आलोचना की है। मस्क ने सोशल मीडिया एक्स पर तंज कसते हुए कहा कि अमेरिकी करदाताओं के पैसों से ये सब हो रहा था।
बता दें कि इन क्लिनिकों का नाम मित्र क्लिनिक रखा गया था, जो मुख्य रूप से ट्रांसजेंडर समुदाय के डॉक्टरों, काउंसलरों और अन्य कर्मचारियों द्वारा संचालित की जाती थीं। ये क्लिनिक हैदराबाद, कल्याण और पुणे शहरों में स्थित हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इन क्लिनिकों ने करीब पांच हजार लोगों को सेवाएं प्रदान कीं, जिनमें हार्मोन थेरेपी, मानसिक स्वास्थ्य परामर्श, एचआईवी और अन्य यौन संचारित रोगों से संबंधित काउंसलिंग, कानूनी सहायता और सामान्य चिकित्सा देखभाल शामिल है।
मीडिया रिपोर्ट में एक सूत्र ने बताया कि हर क्लिनिक को सालाना करीब 30 लाख रुपए की जरूरत थी और इनमें औसतन 8 कर्मचारी काम करते थे। फंडिंग बंद होने के बाद अब ये क्लिनिक वैकल्पिक स्रोतों से धन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं।