नई दिल्ली| मंगलवार से संसद का बजट सत्र शुरू हो गया है, जिसकी शुरूआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण से हुई। राष्ट्रपति ने संसद के सेंट्रल हाल में दोनों सदनों के सांसदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर आतंकवाद पर कठोर प्रहार तक, एलएसी से एलओसी तक हर दुस्साहस का कड़े जवाब तक, धारा 370 को हटाने से लेकर तीन तलाक तक, मेरी सरकार की पहचान एक निर्णायक सरकार की रही है। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा 2047 तक हमें एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जो अतीत के गौरव से जुड़ा हो और जिसमें आधुनिकता के सभी स्वर्णिम अध्याय हों। हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो 'आत्मनिर्भर' हो और अपने मानवीय कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम हो।

राष्ट्रपति ने कहा कि जो भारत कभी अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वही आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बना है। जिन सुविधाओं के लिए देश की एक बड़ी आबादी ने दशकों तक इंतजार किया, वे इन 9 वर्षों में उसे मिली है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने आगे कहा कि बीते वर्षों में भ्रष्टाचार मुक्त इकोसिस्टम बनाने की दिशा में बेनामी संपत्ति अधिनियम को नोटिफाई किया गया। आर्थिक अपराध कर फरार हुए अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए अधिनियम पारित किया गया। सरकारी कामों में पक्षपात और भ्रष्टाचार के चलन को भी खत्म करने के लिए प्रभावी सिस्टम बनाया गया है।

द्रौपदी मुर्मू ने ये भी कहा कि नॉर्थ ईस्ट और हमारे सीमावर्ती क्षेत्र, विकास की एक नई गति का अनुभव कर रहे हैं। नार्थ ईस्ट और जम्मू कश्मीर में तो दुर्गम परिस्थितियों के साथ-साथ अशांति और आतंकवाद भी विकास के सामने बहुत बड़ी चुनौती थी। सरकार ने स्थाई शांति के लिए अनेक सफल कदम उठाए हैं। पिछले कुछ दशकों से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बहुत बड़ा खतरा बन चुकी वामपंथी हिंसा भी अब कुछ जिलों तक ही सीमित रह गई है।

राष्ट्रपति ने कहा कि सीमावर्ती गांवों तक बेहतर सुविधाएं पहुंचाने के लिए मेरी सरकार ने वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम पर काम शुरू किया है। राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से भी सीमावर्ती क्षेत्रों में अभूतपूर्व इंफ्रास्ट्रक्चर बीते सालों में तैयार किया गया है। इससे भी इन क्षेत्रों में विकास को गति मिल रही है।