अपने देश में क्रिप्टोकरेंसी को अभी तक कानूनी दर्जा नहीं दिया गया है. रिजर्व बैंक लगातार इसका विरोध  कर रहा है. दूसरी तरफ सरकार ने लोगों के क्रेज और डिजिटल असेट में उनके निवेश को ध्यान में रखते हुए बजट 2022 में इसपर टैक्स लगाने का ऐलान किया. गुरुवार को सरकार ने क्रिप्टो इंडस्ट्री को झटका देते हुए क्रिप्टो निवेश से होने वाले किसी तरह के नुकसान को दूसरे डिजिटल असेट से होने वाली कमाई से भरपाई नहीं करने का ऐलान किया. इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को कॉस्ट के दायरे में नहीं लाया जा सकता है.

1 फरवरी 2022 को बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी रेग्युलेशन को लेकर कुछ नहीं कहा था, लेकिन वर्चुल डिजिटल असेट  पर 30 फीसदी टैक्स का ऐलान किया गया था. यह टैक्स सभी तरह के डिजिटल असेट पर लागू होता है. इसमें नॉन फंजिबल टोकन यानी NFT, मेटावर्स असेट, डिजिटल करेंसी, डिजिटल टोकन मुख्य रूप से शामिल हैं. बजट घोषणा के मुताबिक, अगर डिजिटल असेट को ट्रांसफर किया जाता है तो 1 फीसदी का TDS अलग से लगेगा.