अरबपति और भारत के अग्रणी उद्योगपतियों में शुमार गौतम अदानी ने कहा है कि सरकारों ने अपने हिस्से का काम किया है। अब उद्योग जगत की बारी है कि वह सरकारों के साथ सहयोग करने का तरीका खोजे। नई दिल्ली में आयोजित इंडिया आइडियाज समिट में बोलते हुए उन्होंने कहा कि रोजगार सृजन और धन का समान वितरण कुछ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां पर ध्यान दिया जा सकता है।
अदानी समूह के मालिक गौतम अदानी ने कहा कि उनका समूह पहले ही इन प्रयासों के लिए 70 अरब डॉलर के निवेश की प्रतिबद्धता जता चुका है। इसके जरिए भारत में 3 गीगा फैक्ट्रियों का निर्माण किया जाएगा, जो दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत पवन ऊर्जा की परियोजनाओं में से एक है। इसका विस्तार पॉलीसिलिकॉन से सौर मॉड्यूल, पवन टरबाइन और हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर के निर्माण तक होग। इसके परिणामस्वरूप हम 45 GW नवीकरणीय ऊर्जा उत्पन्न करेंगे। जबकि मौजूदा क्षमता 20 GW और 3 मिलियन टन हाइड्रोजन उत्पादन की है। उन्होंने कहा कि 2030 से पहले यह काम पूरा हो जाएगा।गौतम अडानी ने कहा कि यह वैल्यू एडिशन पूरी तरह से स्वदेशी होगा और हमारे देश की भू-राजनीतिक जरूरतों के अनुसार होगा। अमेरिकी व्यापारिक घरानों का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे यह विश्वास है कि हम उन अमेरिकी कंपनियों के समर्थन से अपने लक्ष्यों को और तेजी से पूरा कर सकते हैं, जो हमारे साथ काम करने को तैयार हैं।बुधवार को अदानी समूह के संस्थापक और अध्यक्ष गौतम अदानी को USIBC 2022 ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड से सम्मानित किया गया। यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स की यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (यूएसआईबीसी) ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की थी। यह पुरस्कार गौतम अडानी के दूरदर्शी नेतृत्व के प्रति उनका सम्मान है। 2007 से प्रतिवर्ष दिए जाने वाले ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड के जरिए भारत और अमेरिका के ऐसे शीर्ष कॉर्पोरेट अधिकारियों को सम्मानित किया जाता है, जो यूएस-भारत की साझेदारी को मजबूत करने में सक्रिय योगदान देते हैं। जेफ बेजोस, सुंदर पिचाई, नैस्डैक की अध्यक्ष और सीईओ एडेना फ्रीडमैन जैसी हस्तियां इस पुरस्कार से सम्मानित की जा चुकी हैं।