रांची ।  हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता मामले में अब एक नई खबर सामने आ रही है। खबर यह है कि झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने अपना आदेश भारत निर्वाचन आयोग को भेज दिया है। भारत निर्वाचन आयोग अब इस जवाब को झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो के पास भेजेगा। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष राज्यपाल के आदेश से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अवगत कराएंगे। आदेश के अनुरूप कार्रवाई के लिए कदम भी उठाएंगे। हालांकि, अभी तक झारखंड राजभवन की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। लेकिन राजभवन के विश्चस्त सूत्र बताते हैं कि यह गतिविधि चल रही है। यानी गेंद एकबार फिर चुनाव आयोग के पाले में होते हुए विधानसभा में दस्तक देने को तैयार है। यह भी बताया जा रहा कि भारत निर्वाचन आयोग राज्यपाल के आदेश को अपने स्तर से अधिसूचित करेगा। विधि सलाहकारों से परामर्श के पश्चात राज्यपाल रमेश बैस ने यह कदम उठाया है।

निशिकांत के टवीट के बाद चुनाव आयोग ने की पुष्टि

मालूम हो कि गुरुवार को भारत निर्वाचन आयोग ने देर शाम कहा था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता मामले में आयोग ने अपने मंतव्य से झारखंड के राज्यपाल को अवगत करा दिया है। इससे पूर्व भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुबह करीब साढ़े नौ बजे टवीट कर लोगों को जानकारी दी थी कि चुनाव आयोग का फैसला राज्यपाल के पास पहुंच गया है। तब राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली में मौजूद थे। हर कोई उनके रांची आने की प्रतीक्षा कर रहा था। दोपहर बाद राज्यपाल रमेश बैस विमान से रांची पहुंचे। राजभवन पहुंच कर उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले का अध्ययन किया। देर शाम तक लोग फैसला सार्वजनिक होने की आस लगाए रहे, लेकिन राजभवन की ओर से कोई बयान जारी नहीं हुआ।

दो दिनों से राज्यपाल के फैसले की लोग कर रहे प्रतीक्षा

शुक्रवार सुबह से ही इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा था कि दोपहर बाद राजभवन की ओर से फैसला सार्वजनिक किया जाएगा या मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बता दिया जाएगा। खुद कांग्रेस मुख्यालय में नेताओं का कहना था कि शाम चार बजे तक राज्यपाल का आदेश आ सकता है। वहां भी बड़ी संख्या में कांग्रेसी फैसले की प्रतीक्षा करते नजर आए। इसी फैसले को ध्यान में रखकर झामुमो और कांग्रेस ने अपने तमाम विधायकों को रांची में बुला लिया है। सभी को यहां होटल में ठहराया गया है। सबको राज्यपाल के आदेश की प्रतीक्षा है। लेकिन अब खबर आ रही कि राज्यपाल ने अपना आदेश चुनाव आयोग को भेज दिया है। अब चुनाव आयोग ही इसे अधिसूचित करेगा। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष को आगे की कार्रवाई के लिए प्रेषित करेगा। ऐसे में यह कहना बेमानी नहीं होगा कि फैसला सार्वजनिक होने में दो-तीन दिन और लग सकते हैं। यानी अभी इंतजार करना होगा।