*दो दिवसीय वनवासी नाट्य लीला का हुआ समापन
*दो दिवसीय वनवासी नाट्य लीला का हुआ समापन*
भैंसदेही:-मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग व जिला प्रशासन के सहयोग से प्रारम्भ हुई दो दिवसीय वनवासी लीला का समापन हुआ,नाट्य के दूसरे दिन मंच पर जिला पंचायत सदस्य राजा ठाकुर,पूर्व नपाध्यक्ष अनिलसिंह ठाकुर,पूर्व भाजपा जिलाउपाध्यक्ष प्रदीपसिंह ठाकुर, नगर परिषद अध्यक्ष मनीष सोलंकी,नगर परिषद उपाध्यक्ष कुसुमसिंह किलेदार,भाजपा जिला उपाध्यक्ष देवीसिंह ठाकुर,रामलीला मण्डल संरक्षक श्यामनारायण तिवारी,जनपद सदस्य ऋषभदास सावरकर,रामलीला मण्डल अध्यक्ष संजय तिवारी,युवा मोर्चा अध्यक्ष संतोष पाल,वार्ड पार्षद महेश थोटेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया व अतिथियों ने दर्शकों को संबोधित भी किया।मंचन के अंतिम दिन वनवासी लीला नाट्य निषादराज गुह्य में बताया कि भगवान राम ने वन यात्रा में निषादराज से भेंट की. भगवान राम से निषाद अपने राज्य जाने के लिए कहते हैं लेकिन भगवान राम वनवास में 14 वर्ष बिताने की बात कहकर राज्य जाने से मना कर देते हैं. आगे के दृश्य गंगा तट पर भगवान राम केवट से गंगा पार पहुंचाने का आग्रह करते हैं लेकिन केवट बिना पांव पखारे उन्हें नाव पर बैठाने से इंकार कर देता है. केवट की प्रेम वाणी सुन, आज्ञा पाकर गंगाजल से केवट पांव पखारते हैं. नदी पार उतारने पर केवट राम से उतराई लेने से इंकार कर देते हैं. कहते हैं कि हे प्रभु हम एक जात के हैं मैं गंगा पार कराता हूं और आप भवसागर से पार कराते हैं इसलिए उतरवाई नहीं लूंगा. लीला के अगले दृश्यों में भगवान राम चित्रकूट होते हुए पंचवटी पहुंचते हैं. सूत्रधार के माध्यम से कथा आगे बढ़ती है. रावण वध के बाद राम अयोध्या लौटते हैं और उनका राज्याभिषेक होता है. लीला नाट्य में राम और वनवासियों के परस्पर सम्बन्ध को उजागर किया गया।यह मंचन नगर के अटलबिहारी वाजपेयी स्टेडियम में आयोजित हुआ जिसमें हजारों की संख्या में दर्शकगण उपस्थित रहे।