बिलासपुर। जिला आयुर्वेद अस्पताल में बीते चार महीने से दवाओं को टोटा चल रहा है। आलम यह है कि सामान्य बीमारियों की दवा भी नसीब नहीं हो रही है। ऐसे में मरीज बाहर से दवा खरीदने के लिए बाध्य है। अस्पताल प्रबंधन लगातार सीजीएमएससी व रायपुर स्थित प्रदेश आयुर्वेद औषधालय से संपर्क कर रहा है। फिर भी दवा उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

आयुर्वेद अस्पताल में नियमित ओपीडी का संचालन किया जाता है। जहां की रोजाना 150 से 200 तक मरीज पहुंचते हैं। वहीं एक हजार से ज्यादा पुराने मरीज हैं। इनका लंबे समय से उपचार चल रहा है। बीते कुछ महीने से दवा बनाने के काम में आने वाली जड़ी बूटियों की कमी चल रही है। ऐसे में रायपुर के आयुर्वेदिक औषधालय व लैब में विभिन्न् प्रकार की बीमारियों में उपयोग आने वाले चूर्ण का उत्पादन मांग के अनुरूप नहीं हो पा रहा है। अश्वगंधा चूर्ण, अविपत्तिकर चूर्ण, काढ़ा और अन्य जरूरी चूर्ण नहीं बन पा रहे हैं। इसी तरह सीजीएमएससी से भी बीते चार महीने से टेबलेट के रूप में मिलने वाली दवाओं की सप्लाई बंद है। जबकि इसके लिए लगातार डिमांड की जा रही है। दवा नहीं होने के कारण आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से उपचार कराने वाले परेशान हंै।