दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत में साल के पहले जनवरी महीने में भारी गिरावट का दौर देखा गया, लेकिन फरवरी की शुरुआत में तेजी के बाद एक बार फिर से इसमें गिरावट का दौर शुरू हो गया है। शनिवार को बिटक्वाइन के दाम में 1.70 फीसदी की कमी देखने को मिली और इसके साथ इस डिजिटल करेंसी की कीमत 58,650 रुपये टूटकर 33,93,654 रुपये रह गई। सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटक्वाइन की कीमत नवंबर 2021 में 69,000 डॉलर (51.28 लाख रुपये) के अपने ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई थी। लेकिन इसके बाद से ही इसकी कीमत में अब तक करीब 29 लाख रुपये या करीब 50 पर्सेंट की गिरावट आ चुकी है। 

क्रिप्टोकरेंसी आभाषी करेंसी है यानी आप इसे देख नहीं सकते। आसान शब्दों में कहें तो आप इसे डिजिटल रुपया कह सकते हैं। क्रिप्टोकरेंसी को कोई बैंक जारी नहीं करती है। इसे जारी करने वाले ही इसे कंट्रोल करते हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। वर्तमान में विश्व में बिटक्वान के साथ ही कई तरह की वर्चुअल करेंसी मौजूद हैं। मगर इनमें से बिटक्वाइन का मूल्य सबसे अधिक है।पिछले कुछ समय से निवेशकों का आकर्षण बिटक्वाइन की ओर तेजी से बढ़ा है।  

इस डिजिटल करेंसी को सामने लाने का श्रेय सतोशी नाकामोतो नामक व्यक्ति को जाता है। साल 2009 में सतोशी नाकामोतो नामक समूह ने पहली बार बिटक्वाइन को दुनिया के सामने पेश किया था। ये कौन हैं और कहां हैं यह सवाल आज भी एक रहस्य बना हुआ है। इसकी शुरुआत 2009 में हुई और देखते ही देखते ये अब बहुत अधिक लोकप्रियता हासिल कर चुकी है। इस करेंसी पर कोई सरकारी नियंत्रण नहीं हैं। इसका इस्तेमाल डिजिटल दुनिया में ही होता है। इसको कोई बैंक या सरकार कंट्रोल नहीं करती है।  यह क्रिप्टोकरेंसी अत्यधिक अस्थिर है और इसलिए इसका कारोबार भी बहुत जोखिम भरा है। बिटक्वाइन के लिए आपके पास एक एप होता है जिसके जरिए आप लेन देन करते हैं।