मंदसौर ।   खानपुरा में स्थित रावण की प्रतिमा देखरेख के अभाव में फिर क्षतिग्रस्त होने लगी है। शहर में हुई तेज वर्षा के बाद रावण की प्रतिमा का सिर नीचे गिर गया है। इसके साथ ही रावण की प्रतिमा परिसर के आसपास से लेकर प्रतिमा के ऊपर तक झाड़ियां उग रही हैं। नगरपालिका दशहरे पर्व के दो-चार दिन पहले ही प्रतिमा की सुध लेती है। दशहरा पर्व के बाद प्रतिमा की देखरेख की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता, इसके कारण क्षतिग्रस्त हो जाती है। खानपुरा में रावण की 10 सिर वाली प्रतिमा स्थापित है, लेकिन देखरेख नहीं होने के कारण प्रतिमा की चमक धीरे-धीरे फीकी हो रही है। विगत दिनों हुई तेज वर्षा से प्रतिमा का एक सिर टूटकर नीचे गिर गया है। रावण की प्रतिमा पर भी झाड़ियां उगने लगी है। दशहरे से पहले रावण की प्रतिमा का सिर टूटकर गिर गया है, लेकिन काफी समय से नपा ने अब तक सुध नहीं ली है। दशहरा पर्व के दो-चार दिन पहले ही नपा को रावण की प्रतिमा की मरम्मत और रंग-रोगन व परिसर की साफ-सफाई की याद आती है।

बिजली गिरने से टूट गई थी प्रतिमा

नामदेव समाज के स्वामित्व वाली रावण प्रतिमा का इतिहास काफी पुराना है। लगभग 80 वर्ष पहले से खानपुरा में रावण की सीमेंट निर्मित विशाल प्रतिमा थी। इस पर एक बार बिजली गिरने से टूट गई थी। केवल उसके विशालकाय पैर बचे थे। इसके बाद तत्कालीन नपाध्यक्ष यशपालसिंह सिसोदिया के कार्यकाल में ढाई लाख रुपये की लागत से इस प्रतिमा का पुनर्निर्माण कराया गया था। बाहर के ठेकेदार ने रावण की प्रतिमा को पुराना स्वरूप देते हुए वर्ष 2005 में प्रतिमा को तैयार किया था।

बार-बार होती रही खराब

पुनर्निर्माण के बाद से ही प्रतिमा की स्थिति काफी खराब होने लगी थी। कई जगह दरारें भी पड़ गई थी। नामदेव समाज के लोगों ने इसके संरक्षण को लेकर चिंता भी जताई थी। 2007 में तत्कालीन नपाध्यक्ष स्व. प्रहलाद बंधवार ने भी रावण की प्रतिमा की ओर ध्यान देकर सभी सिरों को नया लगाया था।

दशहरे पर होती है पूजा

खानपुरा स्थित रावण की प्रतिमा नामदेव समाज के लोगों के लिए पूजनीय है। दशहरे पर सभी दूर रावण को जलाया जाता है। खानपुरा की इस प्रतिमा की पूजा कर प्रतीकात्मक वध किया जाता है।

मरम्मत करवाएंगे

रावण प्रतिमा में जो भी मरम्मत का कार्य है वह करवाया जाएगा। साफ-सफाई भी करवाई जाएगी।

-पीके सुमन, नपा सीएमओ