बढ़ रही महंगाई को देखते हुए नौकरीपेशा को राहत देने के लिए सरकार पीएफ पर ब्याज दरों में इजाफा कर सकती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी (सीबीटी) की अगले महीने यानी मार्च में गुवाहाटी में होने वाली बैठक में इस पर फैसला होगा। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि अगले महीने सीबीटी की होने वाली बैठक में 2021-22 के लिए पीएफ जमा पर मिलने वाली ब्याज दरों पर फैसला हो सकता है। व्याज दरें बढ़ानी की सिफारिश सोबोटी की मार्च में होने वाली बैठक से एक दिन पहले या उसी दिन की जा सकती है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की आखिरी बैठक मार्च में श्रीनगर में हुई थी। इसमें वित्त वर्ष 2020-21 के लिए पीएफ जमा पर 8.5. फीसदी सालाना ब्याज देने की सिफारिश की गई थी।

सरकार ने ईपीएफओ की कमाई से 5 फीसदी तक अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड्स (एआईएफ) में निवेश करने का प्रस्ताव दिया था वित्तीय निवेश एवं ऑडिट कमेटी के एक सदस्य ने कहा कि बैठक में इस पर चर्चा होनी है। उसने नवंबर, 2021 में शुद्ध रूप से 13.95 लाख सदस्य जोड़े हैं, जो पिछले एक साल के मुकाबले 38 फीसदी अधिक है। आंकड़ों के अनुसार, यह अक्तूबर, 2021 की तुलना में 2.85 लाख या 25.65 फीसदी अधिक है। श्रम मंत्रालय ने कहा, सालाना आधार पर सदस्यों की संख्या में 3.84 लाख की बढ़ोतरी हुई है। नवंबर, 2020 में ईपीएफओ ने शुद्ध रूप से 10.11 लाख अंशधारक जोड़े थे।

केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की मार्च में होने वाली बैठक में 2021-22 के लिए ब्याज दरें तय करने का प्रस्ताव सूचीबद्ध किया गया है। यह पूछे जाने पर कि क्या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भी वित्त वर्ष 2020-21 की तरह 8.5 फीसदी की ब्याज दर को बरकरार रखेगा, इस पर केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि इस पर सीबोटी की बैठक में हो फैसला लिया जाएगा।