तेलुगु अभिनेता राजशेखर और उनकी पत्नी जीविता की मुश्किलें बढ़ गई है। उन्हें नामपल्ली कोर्ट ने 2011 में दिए गए विवादित बयान के लिए दोषी ठहराया है। उन पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया गया है और 1 साल की सजा सुनाई गई है। राजशेखर और जीविता ने चिरंजीवी ब्लड बैंक पर आरोप लगाया था कि उनके यहां खून ब्लैक मार्केट किया जाता है।

राजशेखर और जीविता के खिलाफ किसने केस किया था

इसके बाद, चिरंजीवी के ब्रदर इन लॉ अल्लू अरविंद ने इन दोनों के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। अब नामपल्ली के मुख्य न्यायधीश ने आज निर्णय सुनाया है। 18 जुलाई को इन दोनों को 1 साल की सजा सुनाई गई और दोनों पर ₹5 लाख का जुर्माना लगाया गया है। इस बीच, इन दोनों ने जमानत ले ली है और अब दोनों इस निर्णय को ऊपरी अदालत में चुनौती देने वाले हैं। तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री में इन तीनों की लड़ाई जगजाहिर है।

राजशेखर और जीविता का चिरंजीवी से हमेशा क्यों झगड़ा होता है

गौरतलब है कि राजशेखर और उनकी पत्नी जीविता का चिरंजीवी से हमेशा झगड़ा होता रहा है। सन 2020 में चिरंजीवी और राजशेखर ने मूवीज आर्टिस्ट एसोसिएशन की सभा में भाग लिया था। इस कार्यक्रम में जैसे ही चिरंजीवी का भाषण समाप्त हुआ। इसके बाद, राजशेखर मंच पर चढ़कर मूवीज आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष के खिलाफ अनाप-शनाप बोलने लगे थे। राजशेखर ने मूवीज आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीनियर नरेश पर आरोप लगाया कि उनके कारण उनको काफी नुकसान हुआ है और कई फिल्में उनके हाथ से चली गई है।

चिरंजीवी और राजशेखर के बीच क्या ऐसी कई लड़ाइयां हो चुकी है

इस वाकये के बाद, चिरंजीवी भी भड़क गए। उन्होंने राजशेखर के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की थी। उन्होंने राजशेखर के बर्ताव की भी आलोचना की थी। दोनों के बीच ऐसी कई लड़ाइयां हो चुकी है। इन दोनों के बीच इस पूरी लड़ाई की शुरुआत सन 2003 में हुई है। चिरंजीवी एक ब्लड बैंक भी चलाते है। उनपर लगाए गए राजशेखर के आरोपों ने उन्हें आहत कर दिया था। इसके चलते अल्लू अरविंद ने चिरंजीवी की ओर से मानहानि का केस फाइल किया था।