ग्वालियर ।  भाजपा कार्यकर्ता पिछले पौने चार साल से मेला प्राधिकरण में नियुक्तियों का इंतजार कर रहे हैं। इस अवधि में मेला अधिकारियों के हवाले रहा था। इस साल भी मेला लगाने की जिम्मेदारी अधिकारियों की है। मेला में कोई नवाचार करने का प्रयास अधिकारियों ने नहीं किया है। केवल उनकी इतनी इच्छा रहती है कि बिना किसी झंझट के मेला लग जाए। लंबे अरसे से मेला प्राधिकरण में राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार भाजपा कार्यकर्ता भी कर रहे हैं। कई बार इन राजनीतिक नियुक्तियों की शीर्ष स्तर पर सूची कागजों पर बनी और फट भी गई। फिलहाल मेले में एक ही आकर्षण रह गया है वाहनों की खरीद पर रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने से इस बार भी छूट मिलने की उम्मीद है। प्रदेश में 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दवाब में आनन-फानन में मेला प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में प्रशांत गंगवाल व उपाध्यक्ष के पद पर प्रवीण अग्रवाल की नियुक्ति हुई। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मेला का आकर्षण बरकरार रखने के लिए कुछ प्रयोग करते, उससे पहले ही कांग्रेस की सरकार गिर गई। अध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने भी इस्तीफे दे दिए। सिंधिया के भाजपा में आने के बाद उम्मीद थी कि कम से कम मेला प्राधिकरण में तो राजनीतिक नियुक्तियां प्राथमिकता के आधार पर हो जाएंगीं। क्योंकि मेला से सिंधिया परिवार का विशेष लगाव माना जाता है।

पौने चार साल से मेला प्राधिकरण में नियुक्ति का इंतजार

भाजपा कार्यकर्ता पौने चार वर्ष से नियुक्तियां का इंतजार कर रहे हैं। किंतु आपसी खींचतान में पूरा कार्यकाल निकल गया, लेकिन निगम मंडलों में नियुक्तियां नहीं हो पाई। इस बार उम्मीद है कि आने वाली नई सरकार लोकसभा चुनाव से पहले राजनीतिक नियुक्तियां कर कार्यकर्ताओं को खुश करने का प्रयास करेंगी। क्योंकि चुनाव से पहले नाराज कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए नेतृत्व को एड़ी चोटी का जोर लगाना पड़ा।

नवाचार करने के लिए इच्छा शक्ति का अभाव

मेला प्राधिकरण के पूर्व उपाध्यक्ष प्रवीण अग्रवाल का मानना है कि अधिकारी केवल परंपरा का निर्वाहन करने के लिए मेला लगाते हैं। कुछ नवाचार करने की इच्छा शक्ति का अभाव होता है। क्योंकि कोई नया प्रयोग सर्वमान्य नहीं होता है और विरोध के डर से अधिकारी इसकी हिम्मत नही जुटा पाते हैं। बस उनकी कोशिश होती है कि बगैर किसी के परेशान मेला लगकर समाप्त हो जाए।

छतरियों की पहचान के लिए लगने लगे नंबरों के बोर्ड

व्यापार मेला 25 दिसंबर से शुरू करने को लेकर मेला प्राधिकरण ने तैयारियां तेज कर दी हैं। मेला स्थित छतरियों पर नंबरों के बोर्ड लगाए जाने का काम तेज कर दिया गया है। छतरियों के साथ मुख्य द्वार पर लाउड स्पीकर लगाए जा रहे हैं। व्यापार मेला हर साल अपनी भव्यता के लिए चर्चित रहता है। मेले में वाहनों पर रोड टैक्स में पचास फीसदी की परिवहन विभाग द्वारा छूट दिए जाने से वाहनों की खरीदारी सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में मेले वाहन खरीदने के लिए लोग मेला शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं। आटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े कारोबारी भी मेले को लेकर उत्साहित हैं। मेले में पक्की 1500 दुकानों के अतिरिक्त अन्य दुकानों के लिए आवंटन की प्रक्रिया मेला प्राधिकरण शुक्रवार से शुरू करेगा। गुरुवार को एक दर्जन से अधिक दुकानदारों ने पहुंचकर आवेदन लिए। मेला प्राधिकरण सचिव निरंजन श्रीवास्वत का कहना है कि तैयारियां तेज कर दी गई हैं। जल्द ही मेले को व्यवस्थित कर लिया जाएगा। दुकानदारों को किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। श्रीवास्तव ने बताया कि बाहरी दुकानदार मेले में आना शुरू हो गए हैं।