भोपाल । प्रदेश में जल्द ही तबादलों पर से प्रतिबंध हटेंगे। प्रतिबंध हटाने से पहले सरकार कैबिनेट में नहीं तबादला नीति लाने वाली है। इस नीति में कई ऐसे प्रावधान हैं तो तबादलों को पारदर्शी बनाएंगे। जानकारी के अनुसार तबादला नीति में सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्त पदों की पूर्ति करने ट्रांसफर होंगे। अनुसूचित क्षेत्रों में शत प्रतिशत पदों की पूर्ति होने के बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों में खाली पदों को भरा जाएगा।
मंत्रालयीन सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में संभवत: 15 मई से 15 जून के बीच कर्मचारियों के स्थानांतरण किए जा सकेंगे। वर्ष 2022-23 की तबादला नीति अगली कैबिनेट में आने की संभावना है। जीएडी द्वारा तैयार किए गए मसौदे के तहत बड़े विभागों में 5 फीसदी ही तबादले किए जा सकेंगे। सबसे पहले गंभीर अनियमितताओं और लापरवाही में दोषी कर्मचारियों को हटाया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नई तबादला नीति में शासकीय सेवक के खिलाफ अत्यंत गंभीर शिकायत, अनियमितता और गंभीर लापरवाही में दोषी पाए जाने पर उन्हें हटाया जाएगा। इनमें कुछ जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ, डीएसपी, एसडीएम आदि के नाम शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो इस मामले में सीएम निर्देश दे चुके हैं कि लापरवाही करने वालों को बख्शें नहीं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने पिछले दिनों दिल्ली में बुलाई मप्र भाजपा कोर कमेटी की बैठक में कुछ अफसरों की कार्यप्रणाली को लेकर नाराजगी दर्ज कराई थीं। ऐसे अफसरों को भी सरकार फील्ड से हटाकर मुख्यालय अथवा लूपलाइन में भेज सकती हैं। इनमें कुछ बड़े अफसरों के नाम भी शामिल बताए जाते हैं।
नीति में जिन विभागों में 2 हजार से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी पदस्थ हैं, जैसे गृह, वन, स्कूल शिक्षा, जनजातीय कार्य, उच्च शिक्षा आदि में 5 प्रतिशत ही कर्मचारियों के स्थानांतरण होंगे और जिन विभागों में 200 से लेकर 2 हजार तक कर्मचारी हैं, उनमें 10 प्रतिशत तथा जिन विभागों में मात्र 200 तक कर्मचारी हैं, उनमें 20 प्रतिशत तबादले हो सकेंगे। सरकारी विभागों में 5.72 लाख से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी कार्यरत हैं। इस हिसाब से करीब 40 से 50 हजार कर्मचारियों के ट्रांसफर होने की उम्मीद है। इनमें तीन साल से अधिक समय से एक ही जगह पर पदस्थ अधिकारियों को भी बदला जाएगा। जीएडी ने वर्ष 2022-23 की तबादला नीति का मसौदा तैयार कर लिया है। इसे सीएम के पास पुन: भेजकर फिर कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा।
 सूत्रों की मानें तो करीब एक दर्जन जिला के कलेक्टर तथा एक दर्जन जिलों में एसपी भी बदले जा सकते हैं करीब आधा दर्जन कलेक्टरों को लेकर तो सीएम भी नाराजगी जता चुके हैं इन अफसरों की परफॉर्मेंस पुअर मानी गई है इनमें निवाड़ी झाबुआ उमरिया भिंड सीधी जिले शामिल हैं डीएसपी स्तर के अधिकारियों के स्थानांतरण तबादला बोर्ड से किए जाएंगे।