नई दिल्ली । एविएशन सेक्टर की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। सप्लाई चेन की दिक्कतों के कारण देश के एक चौथाई विमानों के प‎हिए अगले साल मार्च के आ‎खिर तक थम सकते हैं। सीएपीए इंडिया की हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इसके मुताबिक अभी 789 में से करीब 160 विमान उड़ान नहीं भर पा रहे हैं लेकिन मार्च के आ‎खिर तक यह संख्या 200 तक पहुंच सकती है। इसकी वजह यह है कि सप्लाई चेन की दिक्कतें सुधरने के बजाय लगातार बिगड़ रही हैं। सीएपीए की रिपोर्ट के मुताबिक दिवंगत इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला के निवेश वाली आकासा एयरलाइन को भी विमानों की डिलीवरी में देरी हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो के 90 से अधिक ‎विमानों के प‎हिए थम सकते हैं। इसी तरह टाटा ग्रुप के निवेश वाली एयर इंडिया और स्पाइसजेट में भी प्रत्येक के 25 से 30 विमान उड़ान भरने की स्थिति में नहीं होंगे। गोफर्स्ट के 54 विमान पहले से ही उड़ान भरने की ‎स्थि‎ति हैं। कंपनी ने मई से ही अपनी फ्लाइट्स को सस्पेंड कर रखा है। साथ ही इंडिगो के 55 विमान भी उड़ान नहीं भर रहे हैं। इसी महीने इंडिगो ने कहा था कि चौथी तिमाही में उसके 35 विमान ग्राउंडेड हो सकते हैं। इसकी वजह प्रैट एंड विटनी इंजन में नया पाउडर मेटल डिफेक्ट है। इस बीच 2023-24 में घरेलू ट्रैफिक के पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी की तेजी के साथ 15.5 करोड़ पहुंचने का अनुमान है। इसी तरह अंतरराष्ट्रीय हवाई या‎त्रियों की संख्या भी सात करोड़ पहुंचने की उम्मीद है। एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया और डायरेक्ट्रेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन के मुताबिक ‎वित्तीय वर्ष 2023 में घरेलू ट्रैफिक 13.6 करोड़ और इंटरनेशनल ट्रैफिक 5.7 करोड़ रहा। रिसर्च फर्म का कहना है कि कैपेसिटी में कमी के बावजूद हवाई किराया सामान्य स्थिति में आ गया है। सितंबर तिमाही में औसत किराये में 12.7 परसेंट की गिरावट आई है। मार्च तिमाही में इसमें और गिरावट की उम्मीद है।