भोपाल कोरोना संक्रमण को नियंत्रण में लाने के लिए रेलवे अपनी ओर से हर जरूरी कदम उठा रहा है। भोपाल व रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर कोरोना की औचक सैंपलिंग को लेकर सख्ती बढ़ाई है। मुख्य प्रवेश द्वार के अलावा किसी भी स्थान से यात्रियों को न तो प्रवेश दिया जा रहा है और न ही बाहर निकलने की अनुमति है। ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को जांच के दायरे में लाने की कोशिशें की जा रही है। दोनों स्टेशनों को मिलाकर चौबीस घंटे में 2500 से 3000 जांचें की जा रही हैं। इसके अलावा इन स्टेशनों पर बिना मास्क के पहुंचने और घूमने वाले यात्रियों पर भी नजर रखी जा रही है। एक माह में 700 से अधिक यात्रियों को पकड़ा है। ये प्लेटफार्म के अंदर व ट्रेनों में बिना मास्क के मिले थै। रेलवे ने ऐसे यात्रियों से 85 हजार रुपये जुर्माना वसूल गया है। इन्हें नसीहत दी है कि कोरोना संक्रमण के दौरान बिना मास्क के घूमते मिले तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

भोपाल स्टेशन  :  अभी दो मुख्य प्रवेश द्वार है। दोनों पर आरटीपीसीआर जांचें की जा रही हैं। थर्मल स्क्रीनिंग व्यवस्था भी चालू हैं। खासकर महाराष्ट्र व दिल्ली की तरफ से आने वाली ट्रेनों के 100 फीसद यात्रियों को जांच के दायरे में लेने की कोशिशें की जा रही हैं।

रानी कमलापति स्टेशन यहां भी दोनों मुख्य प्रवेश द्वारों पर जांच टीमें चौबीस घंटे तैनात रहती है। किसी को बिना जांच के अंदर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। ट्रेनों से उतरकर बाहर निकलने वाले यात्रियों की भी जांचे की जा रही है। पूर्व की तुलना में अब अधिकांश यात्री भी जांच में पूरी तरह सहयोग कर रहे हैं।

रेलवे ने यह भी कियाभोपाल रेल मंडल से 12 ट्रेनों का संचालन होता है। ये ट्रेनें रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, भोपाल, बीना, गुना और इटारसी स्टेशन से खुलती हैं। इन ट्रेनों में कोरोना संक्रमण की गाइडलाइनों का पालन करते हुए सभी कोचों को सैनिट्राइज किया जा रहा है। जब ट्रेनें लौटकर आती हैं तब भी उन्हें सैनिट्राइज किया जा रहा है। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन पर नई दिल्ली से आने वाली शताब्दी को भी विशेष तौर पर सैनिटाइज किया जा रहा है।