आम आदमी पहले ही महंगाई के बोझ का मारा है. ऊपर से लोन की ब्याज दरें लगातार बढ़ने से लोगों पर ईएमआई का बोझ भी बढ़ रहा है. SBI ने एक महीने में दूसरी बार लोन ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है.महंगाई के बोझ तले दबे आम आदमी पर अब महंगी ईएमआई की मार भी पड़ने वाली है. देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने एक महीने में दूसरी बार लोन की ब्याज दरें बढ़ाने का ऐलान किया है. नई ब्याज दरें 15 जनवरी 2023 से लागू हो जाएंगी.

महंगाई को कंट्रोल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में बढ़ोतरी कर रहा है. इसका असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरों पर पड़ रहा है. दिसंबर में रेपो रेट बढ़ाने के बाद अधिकतर बैंकों ने अपनी ब्याज दरें बढ़ाईं थी. तब एसबीआई ने 15 दिसंबर 2022 से बढ़ी हुई ब्याज दरें लागू की थीं.एसबीआई ने लोन की ब्याज दरों में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है. बैंक ने फंड्स की मार्जिनल कॉस्ट पर बेस्ड ब्याज दरों में ये बढ़ोतरी की है.

इसके चलते कुछ फिक्स अवधि के बैंक लोन पर ब्याज दरें बढ़ी हैं. इससे बैंक के लोन ग्राहकों की ईएमआई बढ़ना तय है.एसबीआई ने एक साल की अवधि के लोन पर ब्याज दर बढ़ाई है. ये अब 8.3 प्रतिशत की जगह 8.4 प्रतिशत होगी. जबकि दो साल की अवधि के लोन पर ब्याज दर को 8.5 प्रतिशत और 3 साल के लोन की अवधि पर ब्याज दर 8.6 प्रतिशत ही रखी है.

हालांकि बैंक ने ओवरनाइट अवधि के लोन पर भी एमसीएलआर यानी ब्याज दर को 7.85 प्रतिशत पर ही रखा है. जबकि 1 महीने से लेकर 6 महीने तक की अवधि के लोन पर भी ब्याज दर पहले की तरह फिक्स हैं. ये 1 महीने और 3 महीने के लिए 8 प्रतिशत होगी. वहीं 6 महीने की अवधि के लोन पर 8.3 प्रतिशत रहेगी.

क्या होता है एमसीएलआर ?

बैंक जो लोन बांटता है, उसके लिए ब्याज दर को एमसीएलआर के आधार पर ही तय करता है. एमसीएलआर वो न्यूनतम ब्याज दर होती है, जिससे नीचे बैंक किसी भी ग्राहक को लोन नहीं दे सकता है. इसी ब्याज दर के आधार पर बैंक अपने होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और अन्य कंज्यूमर लोन की ब्याज दरें तय करता है.एसबीआई से पहले एचडीएफसी बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक और पीएनबी भी अपनी लोन ब्याज दरें जनवरी 2023 में बढ़ा चुके हैं.