आरबीआइ के निर्देश पर न केवल पूरे देश के लोगों को वित्तीय साक्षरता का पाठ पढ़ाया जाएगा बल्कि किस तरह से बचत करें और ज्यादा रिटर्न कमाएं इसकी भी जानकारी दी जाएगी। केंद्रीय बैंक ने हाल ही में कहा है कि उसने वित्तीय साक्षरता की महत्वाकांक्षी योजना का खाका तैयार किया है। इसके तहत 2024 तक समाज के वंचित तबके और दूर-दराज में रहने वाले परिवारों को भी वित्तीय लेनदेन, निवेश और फ्राड से बचने के बारे में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह देश में जीडीपी के मुकाबले बचत की औसत को बढ़ाने में एक अहम कदम साबित होगा।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद से ही हर भारतीय का अपना बैंक खाता खोलने के लिए पीएम जनधन योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत 45.55 करोड़ खाते खोले गए हैं। यह कदम सरकार के लिए राजनीतिक रूप से भी फायदेमंद हुआ है क्योंकि अब इस योजना के तहत ही सरकार की कई स्कीमों की राशि सीधे ग्राहकों तक पहुंच रही है। ऐसे में केंद्र सरकार चाहती है कि वित्तीय समावेश की इस योजना का और ज्यादा विस्तार हो और देश की गरीब जनता को उनके बचत पर ज्यादा रिटर्न सुनिश्चित हो।