भोपाल ।  नामीबिया से लाकर कूनो नेशनल पार्क में बसाए गए चीते अब यहां के माहौल में ढल चुके हैं। क्वारंटाइन बाड़े से सभी आठ चीतों को अलग-अलग बड़े बाड़ों में छोड़ा गया है जहां वह शिकार कर रहे हैं। अब इनका कुनबा बढ़ाने की तैयारी है। चीतों को खुले जंगल में छोडऩे से पहले मादा चीतों के बाड़े में नर चीता छोड़े जाने की योजना है। बता दें कि नामीबिया से पांच मादा व तीन नर चीता लाए गए थे। जिन्हें 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्वारंटाइन बाड़े में छोड़ा था। इसके बाद इन्हें पांच बड़े बाड़ों में छोड़ा गया है। एक बाड़े में दो नर चीता भाइयों के अलावा एक अन्य बाड़े में तीन मादा चीता को रखा गया है। शेष तीन अलग-अलग बाड़े में हैं। चीता प्रोजेक्ट से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि मादा चीता प्रजनन के लायक हैं। प्रजनन के लिए मादा चीता आशा सवाना और सियाया के साथ एक नर चीता को छोड़ा जाएगा। जिससे भारत में इनके कुनबे के बढऩे की संभावना बढ़ सके। हालांकि अभी यह तय नहीं है कि एल्टन फ्रेडी और ओबान में से पहले कौन से चीते को मादा के बाड़े में छोड़ा जाएग।

पर्यटक फरवरी में देख सकेंगे चीता
29 नंवबर तक सभी चीतों को बड़े बाड़े में छोड़ दिया गया था। संभावना जताई जा रही है कि फरवरी में सभी चीतों को खुले जंगल में छोड़ दिया जाएगा। इसके बाद कूनो में घूमने आने वाले पर्यटक भी चीतों को देख सकेंगे। डीएफओ पीके वर्मा ने बताया कि सभी चीते बड़े में बेहतर तरीके से रह हे हैं। केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव भी यहां आकर निरीक्षण कर संतुष्टि जता चुके हैं। अब दक्षिण अफ्रीका से आने वाले 12 चीतों के रहने की व्यवस्था के अलावा प्रोजक्ट चीता को अगले चरण में ले जाने की तैयारी की जा रही है।