नई दिल्ली । केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने यूजीसी और एआईसीटीई को मिलाकर, हायर एजुकेशन कमीशन आफ इंडिया बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्तावित बिल में कमीशन को उच्च शिक्षा संस्थानों के खिलाफ नियमों के उल्लंघन करने पर जुर्माना और दंड तय करने का अधिकार भी दिया जा रहा है। इस प्रस्ताव को संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया जाएगा। 
अभी 1956 के यूजीसी अधिनियम के अंतर्गत उच्च शिक्षा संस्थानों पर कार्रवाई की जाती है। गड़बड़ी करने वाले संस्थानों पर अधिकतम ₹1000 जुर्माने का प्रावधान है। जिसके कारण उच्च शिक्षा संस्थानों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल हो रहा था। 
नए प्रस्ताव में आयोग को नोटिस देने, स्पष्टीकरण मांगने,10 लाख रुपए से लेकर गंभीर मामलों में 5 करोड रुपए तक का जुर्माना लगाने का अधिकार दिया जा रहा है। 5 साल तक की कैद की सजा का भी प्रावधान इस बिल में किया जा रहा है। उच्च शिक्षण संस्थानों के कार्यकारी प्रमुख इसके लिए उत्तरदाई ठहराया जायेंगे। 
जो प्रस्ताव तैयार किया गया है। उसमें 15 सदस्यों का आयोग होगा। इसमें अध्यक्ष,उपाध्यक्ष, सेंट्रल यूनिवर्सिटी का कुलपति,उच्च शिक्षा सचिव, वित्त सचिव, कानूनी विशेषज्ञ, राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति, राज्य शिक्षा परिषद के 2 प्रोफेसर एवं उद्योग जगत के 1 प्रमुख को शामिल किया जाएगा। 
आयोग के अधिकार क्षेत्र में सामान्य उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, प्रशिक्षण। व्यवसायिक शिक्षा के सभी संस्थान शामिल किए गए हैं। मेडिकल और कानून के शिक्षण संस्थान इसमें शामिल नहीं किए गए हैं। क्योंकि उनक़े लिए अलग नियामक संस्था है।