भाजपा ने राम मंदिर के संदर्भ में सोशल मीडिया पर जारी बयानबाजी का कड़ा जवाब दिया है। राम मंदिर का लोकार्पण और तारीख तय करने को लेकर विपक्षी ने दलों एक हैशटैग जारी किया था, जिसमें  भाजपा पर कटाक्ष किया गया था कि मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे। जवाब में भाजपा समर्थकों ने कहा - "मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख भी बताएंगे"। मोदी समर्थकों के जवाब से विपक्ष की बोलती बंद हो गई। अयोध्या में राम मंदिर लोकार्पण की तारीख 22 जनवरी घोषित की गई है। इससे पहले मंदिर में पुजारियों और सेवादारों की भर्ती के लिए भी विज्ञापन जारी किया जा चुका है। अयोध्या में श्री राम मंदिर का लोकार्पण खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। 
        मंदिर निर्माण को लेकर विपक्ष शुरू से ही भाजपा पर तंज कसता रहता है। कई बार तो यह भी बात सामने आई कि मंदिर निर्माण एक छलावा है। भाजपा मंदिर के बहाने केवल वोट बैंक की राजनीति कर रही है, लेकिन विपक्षियों की बोलती उस समय बंद हो गई जब मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट से हिंदुओं के पक्ष में न सिर्फ निर्णय सुनाया गया, बल्कि मंदिर का निर्माण भी शुरू कर दिया गया। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद भी कांग्रेस सहित कई विपक्षी दल मंदिर देर से बनने या काम में रुकावट आने की बाट जोह रहे थे, अब जब मंदिर के लोकार्पण की तारीख भी घोषित की जा चुकी है, सोशल मीडिया पर मंदिर वहीं बनाएंगे, तारीख नहीं बताएंगे, जारी करने का कोई औचित्य नहीं लगता। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो भाजपा ने जो कहा वह करके दिखाया, राम मंदिर से लाखों लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं, जिसका पूरा सम्मान किया गया। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मंदिर का लोकार्पण निश्चित रूप से भाजपा के पक्ष में होगा, इसका असर वोट पर पड़ेगा और भाजपाई नेता अधिक आत्मविश्वास के साथ जनता के बीच जाकर वोट मांग सकेंगे।