जावद ।  नगर के बैंगनपुरा में अतिप्राचीन पंचदेवरा मंदिर है। यह मंदिर 300 से भी ज्यादा साल पुराना है। मंदिर में रोजाना सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। सावन माह में यहां भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर के पुजारी सतीश नागला ने कहा कि मेरे पिता जी कहते थे कि मंदिर साक्षात प्रकट हुआ है।

मंदिर का इतिहास

भक्तों के अनुसार पंचदेवरा महादेव मंदिर साक्षात प्रकट हुआ था। इस मंदिर में पंचमुखी हनुमान व पंचमुखी गणेश की प्रतिमा स्थापित है। भक्तों का दावा है कि यहां पर मन्नत पूरी होती है। सावन माह के हर सोमवार को यहां पर मंदिर में विशेष साज-सज्जा व भगवान का अभिषेक, पूजा-अर्चना, महाआरती कर प्रसाद बांटा जाता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।

मंदिर साक्षात प्रकट हुआ

सतीश नागला, पुजारी ने कहा कि हमारे पिताजी कहते थे कि यह मंदिर साक्षात प्रकट हुआ है। यह बहुत चमत्कारी है। इन दिनों सावन माह चल रहा है। इस कारण मंदिर में रोजाना श्रद्धालु दूध, दही, घी सहित अन्य सामग्री से अभिषेक करते हैं, साथ ही रुद्राभिषेक भी किया जाता है। शाम को सात बजे आरती होती है। रात नौ बजे तक मंदिर को खुला रखा जाता है। सावन माह में मंदिर में स्थित भोलेनाथ का विशेष शृंगार होता है।

महादेव में विश्वास

जुगलकिशोर सोमानी, भक्त ने कहा कि सालों से इसी मंदिर से जुड़े हुए हैं। जब तक जीवन है पंचदेवरा महादेव पर विश्वास है। आपने कई शिवालयों में दर्शन करने गए होंगे, मगर इस मंदिर में स्थित शिवलिंग आकर्षक का केंद्र है। यहां पर जो भी मन्नत सच्चे मन से मांगी जाती है, वो पूरी होती है। नगर के प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु यहां आते हैं। सावन माह में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है व सावन के प्रति सोमवार को आसपास क्षेत्र की धर्मप्रेमी जनता भी यहां दर्शन करने आती है।