नई ‎दिल्ली । केंद्र सरकार ने कथित कर चोरी मामले में कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस ‎दिया है। सूत्रों से यह जानकारी ‎मिली है। हालांकि, सरकारी अधिकारी ने कहा ‎कि 1 अक्टूबर के बाद से भारत में विदेशी गेमिंग कंपनियों के पंजीकरण का अभी तक कोई डेटा नहीं है। जिस राशि के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है वह लगभग 1 लाख करोड़ है। इस महीने की शुरुआत में यह बताया गया था कि भारत में सक्रिय 100 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग एप्लिकेशन लगभग 1 लाख करोड़ की कथित कर चोरी के लिए माल और सेवा कर खुफिया महानिदेशालय (डीजीजीआई) की जांच के दायरे में हैं। पिछले महीने में ड्रीम 11 और गेम्सक्राफ्ट सहित कई ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को करों के कथित कम भुगतान के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पिछले हफ्ते, डेल्टा कॉर्प को 6,384 करोड़ के कम कर भुगतान के लिए जीएसटी नोटिस मिला, जिससे कंपनी पर कुल कर मांग 23,000 करोड़ से अधिक हो गई। अलग से गेम्सक्राफ्ट को पिछले साल सितंबर में 21,000 करोड़ की कथित जीएसटी चोरी के लिए कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। अगस्त में वित्त मंत्रालय ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगाए गए दांव के पूर्ण मूल्य पर 28 प्रतिशत माल और सेवा कर (जीएसटी) लगाने का फैसला किया। जीएसटी प्राधिकरण के अनुसार, एकीकृत जीएसटी में संशोधन से ऑफशोर ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्मों के लिए भारत में पंजीकरण करना और घरेलू कानून के अनुसार करों का भुगतान करना अनिवार्य हो जाएगा। सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग और क्रिप्टो कारोबार के लिए नई स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) व्यवस्था लाए जाने के बाद चालू वित्त वर्ष में अब तक इनसे 700 करोड़ रुपये से अधिक का कर जुटाया है।