निशा बांगरे का राजनीति से हुआ मोह भंग,  कांग्रेस से दिया स्तीफा,

 

बैतूल मप्र l डिप्टी कलेक्टर की नौकरी छोड़ कर जो निशा बांगरे राजनीति में आई थी और कांग्रेस का दामन थामा था और विधान सभा में टिकिट नही मिलने से कंही न कंही पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहीं थी और कुछ दिनों पहले ही वापिस नौकरी करने की बात कही थी और अब कांग्रेस के सभी पदों से स्तीफा देकर फिर चर्चा में आ गईं हैं l

 

इस्तीफा सौंपते हुए निशा बांगरे ने कहा कि कांग्रेस ने पहले मुझे विधानसभा में टिकट नहीं दिया, फिर लोकसभा में टिकट देने का भरोसा दिलाया और इस बार भी वादाखिलाफी की है  मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी रहीं निशा बांगरे ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है. इसके साथ ही उन्होंने पार्टी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस महिला विरोधी है.

 

मध्य प्रदेश कांग्रेस अधयक्ष जीतू पटवारी को अपना इस्तीफा सौंपते हुए निशा बांगरे ने कहा कि कांग्रेस ने पहले मुझे विधानसभा में टिकट नहीं दिया, फिर लोकसभा में टिकट देने का भरोसा दिलाया और इस बार भी वादाखिलाफी की. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस में महिलाओं के लिए कोई जगह नहीं है.

 

उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "कांग्रेस ने कभी बाबा साहेब को भी टिकट नहीं दिया बल्कि उनके सामने उम्मीदवार उतारकर उन्हें चुनाव में हरवा दिया. कांग्रेस ने तब भी न्याय नहीं किया था और कांग्रेस आज भी न्याय नहीं कर पा रही है."

 

उन्होंने ये भी कहा कि मैं बाबा साहेब के सिद्धांतों पर चलकर देश सेवा के ध्येय के साथ कांग्रेस में रहकर राजनीति में व्यापक स्तर पर काम करना चाहती थी लेकिन कांग्रेस ने मेरी योग्यता को ही मेरी अयोग्यता बना दिया.

 

वहीं हाल ही में उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार से गुहार लगाकर डिप्टी कलेक्टर की नौकरी की मांग की थी. इसके लिए उन्होंने प्रमुख सचिव को चिट्ठी भी लिखी थी. इसी चिट्ठी के साथ निशा बांगरे ने कुछ उदाहरण का हवाला भी दिया गया है. साथ ही बांगरे ने कहा था कि उन्होंने जितने समय नौकरी की, वह पूरी ईमानदारी और सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए की है.l