कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह द्वारा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कन्या पूजन को नौटंकी कहने वाला मामला तूल पकड़ता जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बयान की निंदा करते हुए इसे सनातन, सनातनी परंपरा और धर्म का विरोध बताया है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को टंच माल और आइटम कहने वाले बेटियों का सम्मान क्या जानें हैं? मैं बेटियों के पैर भी धोता हूं, उस पानी को माथे से लगाता हूं। यह वही कर सकता है जिसके मन में पवित्र भाव हो, जिसमें भारतीय संस्कार हो, बहन और बेटियों को टंच माल कहने वाले, आइटम कहने वाले, कन्या पूजन का महत्व क्या समझेंगे?

एक ओर जहां दिग्विजय सिंह द्वारा बेटियों के पूजन को नौटंकी बताया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश में कन्या पूजन करने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बेटियों के सुरक्षित भविष्य और महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर कई योजनाएं चला रखी है। महिलाओं के सम्मान में केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश में जो योजनाएं जारी हैं उनमें लाडली बहना योजना, लाडली लक्ष्मी योजना, पुलिस भर्ती में महिलाओं को 30 फीसदी आरक्षण, उज्ज्वला योजना, महिला शक्ति वंदन अधिनियम, मातृवंदना योजना, महिला अस्मिता से छेड‍़छाड़ का दंड फांसी, शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण और सरकारी नौकरियों में भर्ती में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण शामिल है. 
इन योजनाओं में अगर लाड़ली बहना योजना की बात की जाए, तो इसके तहत मध्य प्रदेश की महिलाओं को 1250 रुपये का भुगतान किया जा रहा है। इसके साथ ही, इन बहनों को 450 रुपये में रसोई गैस भी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए सब्सिडी की राशि सरकार की ओर से उनके खाते में भेजी जा रही है।
वहीं, सदियों से लकड़ी और कोयले के चूल्हे पर रसोई तैयार करने वाली महिलाओं को धुंए से निजात दिलाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से उज्ज्वला योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के तहत देश के गरीब परिवार की महिलाओं को मुफ्त में गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही, महिलाओं को गैस सिलेंडर की खरीद करने पर सब्सिडी भी दी जाती है। जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकार है, उन राज्यों में महिलाएं ही नहीं, प्रदेश की तमाम जनता को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का दोहरा लाभ दिया जा रहा है। 
इसके अलावा जिन राज्यों में डबल इंजन की सरकार नहीं है, उन राज्यों के लोगों को केंद्र सरकार की योजनाओं का भरपूर लाभ नहीं दिया जाता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण पश्चिम बंगाल, राजस्थान, बिहार, झारखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि राज्य हैं। इन राज्यों में महिलाओं को समाज और प्रशासनिक स्तर पर भागीदारी सुनिश्चित करने के प्रयास न के बराबर किए जा रहे हैं। वहीं, केंद्र सरकार की ओर से जो योजनाएं बनाकर भेजी जाती हैं, उन्हें ढंग से अमल भी नहीं किया जाता है।