नवांकुर संस्था प्रदीपन ने एक दिवसीय प्रशिक्षण का किया आयोजन
बैतूल l ग्राम गढ़ा में पारंपरिक एवं जैविक कृषि पर जन अभियान परिषद मध्य प्रदेश के सहयोग से नवांकुर संस्था प्रदीपन ने एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जिसमें गढ़ा प्रस्फुटन समिति के सदस्य जिला अभियान परिषद की समन्वयक प्रिया चौधरी ब्लॉक समन्वयक नंदकिशोर मालवीय प्रदीपन कि सचिव रेखा गुजरे और ग्राम पंचायत गढ़ा की सरपंच कुसुम ताई वागदरे बोदी पंचायत के सरपंच अजय उइके तथा 60 महिला पुरुष किसानों ने भाग लिया जिला जन अभियान परिषद के जिला समन्वयक प्रिया चौधरी ने पारम्परिक व जैविक कृषि की शुरुआती उद्बोधन में उन्होंने कहां कि हम शहरी लोग जब मार्केट में जाते हैं तो ग्रामीण किसानों को खोज कर उनके पास से सब्जियां और दाले खरीदते हैं क्योंकि ग्रामीण किसान व्यवसायिक दृष्टि से आज भी कृषि नहीं करते हैं उन्होंने कहा कि रासायनिक कृषि मानव सेहत के लिए हानिकारक है सरकार पारंपरिक एवं जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए अनुदान भी दे रही है ताकि किसान जैविक पारंपरिक कृषि शुरू करें ! ! ब्लॉक समन्वयक नंदकिशोर मालवीय ने मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद की मुख्य पांच योजनाओं की जानकारी दी तथा दिनांक 10 फरवरी को भोपाल में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रस्फूटन समिति के सदस्यों से बातचीत करने के लिए आमंत्रण किया है चुना गोसाई के युवा किसान किरण कुमार उइके द्वारा जैविक एवं पारंपरिक कृषि पर विस्तार से जानकारी दी जिसमें मुख्य रुप से जैविक कृषि हेतु वर्मी एंव नाडेप कंपोस्ट खाद के द्वारा की जाने वाली उत्तम खेती के बारे मे जानकारी दी उत्पादन बढ़ाने और उसकी गुणवता के लिऐ जीवामृत बीजा अमृत ब्रह्मास्त्र व घन जीवामृत तथा जैविक कीटनाशक तैयार करने की विधी भी बताई जीरो बजट या कम लागत में की जाने वाली कृषि तथा रासायनिक खाद से होने वाले उत्पादन से मिलने वाली आय के बराबर आमदनी प्राप्त की जा सकती यह भी बताया है श्रीमती रेखा गुजरे ने किसानो की स्वयं के बीज पर निर्भरता से कम्पनी पर निर्भरता कारण किसानो की परेशान विशेष कर छोटे किसानो की हो रही है,पारंपरिक स्थानीय बीज जिस तरह से विलुप्त हो रहे उनके बचाव की आवश्यकताऔर महत्ता पर भी जानकारी दी उन्होने किसानों को कृषि हेतु देसी गाय का गोबर और गौमूत्र का योगदान और अहमिता पर विस्तार से बताया ! कार्यक्रम केसमापन पर चारु लता वर्मा ने सभी किसानों का आभार प्रकट कर पारंपरिक एवं जैविक कृषि का समापन किया!