*जर्जर हुआ आंगनवाड़ी भवन, मरम्मत पर ध्यान नहीं* 
*बड़ा हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन?*

भैंसदेही  शहर की कुछ आंगनवाड़ी केन्द्र जर्जर हो चुके है। इन केन्द्रों में अभी भी बच्चे बैठकर पढ़ाई कर रहे। ऐसे में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। सबसे खराब स्थिति आंगनवाड़ी केन्द्र 9 की है। यहां कबेलू वाली छत में लगी लकडिय़ां पूरी तरह से खराब हो चुकी है। जिससे कवेलू गिर रहे है। लेकिन आंगनवाड़ी केन्द्र की मरम्मत या नवीन भवन के निर्माण को लेकर कोई प्रस्ताव नहीं बनाया गया। यहीं वजह है कि अभिभावक भी अपने बच्चों को आंगनवाड़ी भेजने से कतरा रहे है। वार्डवासी शेख अशलम, नवीन कुबड़े, कृष्णा ठोके ने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्र की छत कहीं-कहीं से नीचे की ओर झूक गई है। केन्द्र में लगभग 30 बच्चे आते है, इसके अलावा महिलाओं, युवतियों से संबंधित कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते है। ऐसे में इनकी सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े होने लगे है। इसी आंगनवाड़ी की छत से बीते सोमवार जनसेवा कार्यकर्ता किशोर धोटे के सिर पर कवेलु गिर गया था। यह तो शुक्र है कि उन्हें ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा, अन्यथा गंभीर चोट भी आ सकती थी। आंगनवाड़ी केन्द्र की कार्यकर्ता और सहायिका ने बताया कि जब भी अधिकारी निरीक्षण के लिए आते है, उन्हें आंगनवाड़ी केन्द्र की स्थिति से अवगत कराया जाता है, किन्तु आंगनवाड़ी भवन की मरम्मत या नवीन भवन को लेकर कोई कार्रवाही नहीं हुई। इधर आंगनवाड़ी केन्द्र में की दीवारे भी जवाब देने लगी है। जल्द ही इस भवन की छत की मरम्मत नहीं हुई तो भविष्य में बड़े हादसे से इंकार नहीं किया जा सकता है।

*इनका कहना*

नगर परिषद के निर्वाचन होने के बाद पहेली बैठक में आंगनवाड़ी केंद्र को लेकर प्रस्ताव बनाया गया था जो कि महिला बाल विकास विभाग को भिजवा दिया गया है अब आगे क्या हुआ इसकी जानकारी लेकर ही बता पाऊंगा।

*ब्रह्मदेव (पटेल) कुबड़े*
*पार्षद वार्ड क्रमांक 9*