1. नींद से जुड़ी दिक्कतें : अगर आपको नींद से जुड़ी परेशानियां जैसे- नींद न आना या नींद पूरी न होना, तो आप इसका इलज़ाम अपनी प्रिय चाय पर डाल सकते हैं! ज़्यादा चाय पीने से आपकी नींद खराब होती है। चाय में मौजूद कैफीन आपकी नींद की साइकिल को खराब करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कैफीन मेलाटोनिन हॉर्मोन को प्रभावित करता है, जिससे नींद के पैटर्न पर असर पड़ता है।
2. पोषक तत्वों का कम अवशोषण : कैफीन का अधिक सेवन वास्तव में आपके पाचन को बाधित कर सकता है और पोषण के अवशोषण को कम कर सकता है। चाय में टैनिन नाम का एक घटक होता है, जो हमारे खाने से आयरन के अवशोषण को बाधित करता है। यही वजह है कि खाने के साथ कभी भी चाय नहीं पीनी चाहिए। आप दो मील्स के बीच में चाय पी सकते हैं।
3. बेचैनी का बढ़ना : हम अक्सर तनाव दूर करने या बिज़ी लाइफ से ब्रेक लेने के लिए एक कप चाय का सहारा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आदत असल में तनाव और बेचैनी को बढ़ा सकती है।ज़रूरत से ज़्यादा कैफीन का सेवन बेचैनी बढ़ाने का काम करता है। इसको कम करने का सबसे अच्छा तरीका है चाय का सेवन कम करना और इसकी जगह कैमोमाइल, वाइट टी या फिर ग्रीन टी पिएं।
4. सीने में जलन : इसमें कोई शक नहीं कि आपकी पसंदीदा चाय अक्सर पेट की समस्या पैदा करती है। ऐसा इसलिए क्योंकि कैफीन पेट में एसिड के निर्माण को बढ़ा देती है जिससे सीने में जलन, सूजन और बेचैनी होती है। साथ ही यह एसिड रीफ्लक्स का कारण भी बनता है।
5. प्रेग्नेंसी के दौरान दिक्कतें : ज़रूरत से ज़्यादा चाय मां और बच्चे दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है। कैफीन का ज़्यादा सेवन जटिलताओं का जोखिम भी बढ़ाता है। इसलिए इस दौरान कैफीन मुक्त चाय या फिर हर्बल टी पीने की सलाग दी जाती है।
6. सिर दर्द : सिर दर्द होने पर हम अक्सर एक कप चाय पीना चाहते हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि आपकी चाय पीने की आदत ही असल में, सिरदर्द का कारण है। ज़्यादा चाय पीने से आप इस पर निर्भर करने लगते हैं, लेकिन इससे डिसकम्फर्ट और सिर दर्द बढ़ता है। खासतौर पर अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं।
7. मतली : दूध वाली चाय पीने से मतली जैसा महसूस हो सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें टेनिन्स मौजूद होते हैं, जो आपके डाइजेस्टिव टिशू को प्रभावित कर पेट फूलना, पेट दर्द जैसी दिकक्तें पैदा करते हैं।