*शिक्षा के बिना मनुष्य का जीवन अधूरा : डॉ गुप्ता*

*शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई संपन्न*

भैंसदेही शासकीय महाविद्यालय भैंसदेही में 'राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध आयाम ' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न हुई।
संगोष्ठी के समापन सत्र में राधाबाई सारडा आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज अंजनगांव महाराष्ट्र के प्राचार्य श्री बशिष्ठ चौबे मुख अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तभी सफल होगी जब इसका क्रियान्वयन अच्छी तरह हो पाएं। विद्यार्थियों में चेतना और तार्किकता का विकास होगा तभी यह नीति सफल होगी।समापन सत्र के मुख्य वक्ता डॉ मंगेश डागावाल ने विस्तार से नई शिक्षा नीति के विविध आयामों को समझाया। समापन सत्र में सीएम कढ़ी महाविद्यालय परतवाड़ा के सहायक प्राध्यापक डॉ निलेश तारे विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहें। समापन सत्र में संगोष्ठी के आयोजन सचिव श्री विजय कुमार गोरे ने संगोष्ठी की रिपोर्ट का वाचन किया।
   इससे पूर्व गत दिवस संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि जयवंती हाक्सर महाविद्यालय बैतूल के प्राचार्य डॉ राकेश तिवारी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह नीति विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी इस नीति के केंद्र में हैं। उद्घाटन सत्र में प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित शासकीय कन्या महाविद्यालय बैतूल के प्राध्यापक डॉ आशीष गुप्ता ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटशन के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विविध आयामों को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के बिना मानव जीवन अधूरा है। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में  उपस्थित जयवंती हाक्सर महाविद्यालय बैतूल के पूर्व प्राचार्य डॉ खेमराज मगरदे ने कहा कि शिक्षा विद्यार्थियों की आवश्यकता के अनुसार होनी चाहिए। विशिष्ट अतिथि डॉ एम डी वाघमारे प्राचार्य शासकीय महाविद्यालय शाहपुर ने कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी विशिष्ट है तथा हमें उसकी क्षमताओं को विकसित करने का प्रयास करना चाहिए। इससे पूर्व महाविद्यालय के प्राचार्य श्री जितेंद्र कुमार दवंडे ने स्वागत उद्बोधन में सभी अतिथियों का स्वागत किया तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षकों एवं विद्यार्थियों के लिए इसे समझने की आवश्यकता है। 
प्राचार्य श्री दवंडे से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में दो तकनीकी सत्र आयोजित किए गए जिनमें से प्रथम सत्र में ऑफलाइन तथा द्वितीय सत्र में ऑनलाइन मोड में शोधपत्रों का वाचन किया गया। संगोष्ठी में सौ से अधिक प्रतिभागियों ने अपना पंजीयन करवाया था जिनमें मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, असम के प्रतिभागी शामिल हैं। संगोष्ठी के संयोजक डॉ उमेश कुमार चरपे, सह संयोजक डॉ नीलिमा धाकड़ तथा सह आयोजन सचिव डॉ जगेंद्र धोटे रहें। संगोष्ठी में समस्त महाविद्यालयीन स्टाफ तथा विद्यार्थियों का सहयोग प्राप्त हुआ।