*हवन-पूजन और भंडारे के साथ महायज्ञ और भागवत कथा का समापन* 

भैंसदेही 11 कुण्डीय नवदिवसीय रूद्र महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा का समापन हवन-पूजन एवं विशाल भंडारे के साथ किया गया। सुबह आयोजन स्थल पर हवन-पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर हवनकुंड में पूर्णाहुति समर्पित की। जिसके पश्चात भंडारे की शुरूआत की गई। भंडारे में आने वाले श्रद्धालुओं को जमीन पर बैठाकर पत्तल में भोजन कराया गया। इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने भंडारा प्रसादी का लाभ लिया। 
शिव महापुराण के अंतिम दिन महाराज ने बताया कि शिव महापुराण श्रवण करने से समस्त पापों का नाश हो जाता है। भगवान शंकर त्रिभुवन गुरू है। गुरू का अर्थ होता है अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाला। भगवान शंकर विश्वनाथ है अर्था समस्त विश्व के स्वामी व आधार भगवान शंकर है। शंकर का अर्थ होता है कल्याण करने वाला। भगवान शंकर का परिवार अनेक विभंगतियां होने पर भी एकता के सूत्र में बंधकर रहने की शिक्षा प्रदान करता है।  भगवान शंकर के भक्त की तीन पहचान होती है। मस्तक पर त्रिकुंड गले में रूद्राक्ष माला एवं मुख पर सदैव भगवान शंकर का नाम। शिव महापुराण के अंतर्गत 24 हजार श्लोक है। जिसमें शिव तत्व का विरूपन किया  गया  है। दक्ष, यक्ष के प्रसंग को सुनाते हुए बताया कि जिस यक्ष में श्रद्धा एवं विश्वासन नहीं होता है कदापि पूर्व नहीं होता है। कथा में शिव पार्वती विवाह और शिव के विभिन्न अवतार का वर्णन किया गया। गौरतलब रहे कि बड़ी पूर्णा मां मंदिर मेला स्थल भैंसदेही में पूर्णा सेवा समिति एवं क्षेत्रवासियों के सहयोग से 14 फरवरी से 11 कुण्डीय नवदिवसीय रूद्र महायज्ञ एवं शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा था। जिसमें प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर धार्मिक अनुष्ठानों का लाभ लिया। यहां  पंडित कौशलकिशोर अवस्थी चित्रकूट द्वारा यज्ञाआचार्य शंकरदत्त मिश्र कासी (वृदांवन) एवं यज्ञ संयोजक शिवरतन महाराज पूर्णा मंदिर के सानिध्य में रूद्र महायज्ञ संपन्न कराया गया, वहीं कथा वाचक पंडित सदभव तिवारी के मुखारबिंद से शिव महापुराण की कथा सुनाई गई। धार्मिक अनुष्ठानों के कारण समूचे नगर में धार्मिक भक्ति की बयार बह रही थी। इन अनुष्ठानों के समापन पर श्रद्धालुओं ने पहुंचकर पुण्यलाभ लिया। इधर आयोजन समिति ने कार्यक्रम में प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप  से सहयोग करने वाले एवं दानदाताओं का आभार व्यक्त किया है।