*450 किलोमीटर का सफर तय कर  जलगांव जिले के ग्राम पलसोद पहुंची मां ताप्ती संपूर्ण परिक्रमा पदयात्रा*


*मुलताई।*✍️ विजय खन्ना

मां ताप्ती की उदगम स्थल पवित्र नगरी से बीते 2 जनवरी को निकली मां ताप्ती सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रा मां ताप्ती के जयकारे लगाते हुए मंगलवार को लगभग 450 किमी का सफर पूर्ण कर महाराष्ट्र प्रदेश के जलगांव जिले के ग्राम पलसोद पहुंची। 
     परिक्रमा पदयात्रा बुधवार सुबह 8 बजे ताप्ती अंजनी गिरना त्रिवेणी संगम पर स्थित पुरातत्व विभाग से जुडे रामेश्वरम संगम तीर्थ पहुंचेंगी। जहां दर्शन पूजन कर नांदेड़ ,सावखेड़ा होते हुए दोपहर भोजन विश्राम ग्राम मुंगसे में होगा। उसके बाद पदयात्री आगे बढ़कर ग्राम हिंगोनाखुर्द पहुंचेंगे जहां रात्रि विश्राम होगा। पदयात्री बालकृष्ण मालवीय,रामदीन यादव,विशाल सिंह और संतोष आर्य ने बताया महाराष्ट्र प्रदेश में गांव गांव में मां ताप्ती जी की सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रा को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। लोग भाव विभोर होकर स्वागत सत्कार कर रहे हैं। ग्रामीण गांव के बाहर आकर पदयात्रियों का स्वागत कर यात्रा को ग्राम भ्रमण कर रहे हैं। और दीप जलाकर पदयात्रियों की आरती उतारी जाती है। भक्ति भाव से ध्वज पूजन किया जाता है। रंगोली उकेरकर दीपक जलाकर आत्मीय स्वागत किया जा रहा है।

*ग्रामीणों के स्वागत से  पदयात्रियों को हो रहा उत्साहवर्धन*

 पदयात्री सुनील वानखेड़े राजेश जैन,विजय देशमुख ने बताया  महाराष्ट्र प्रदेश में ग्राम पाटोंदी,भोखरी , नायगांव,उचंदे,चांगदेव,भुसावल,कड़गांव  आदि स्थानो सहित ग्राम नांदरा में यात्रा के पहुंचने पर दीपोत्सव मनाया गया। ग्रामीणों द्वारा द्वारा किए गए स्वागत से पदयात्रियों का उत्साहवर्धन  हो रहा है । प्रतिदिन लगभग 30 किमी पदयात्रा कर रहे ताप्ती भक्तो की जहां थकान दूर हो जाती है  वही नई ऊर्जा के साथ अगले पड़ाव के लिए पदयात्री निकल पड़ते हैं। प्रतिदिन पदयात्रा अपने निर्धारित समय से पुर्व ही अपने गंतव्य स्थान पर पहुंच रही है। जिससे ग्रामीण सेवादार भी बहुत खुशी खुशी यात्रा का भाव विभोर स्वागत सत्कार कर रहे हैं। यात्रा संयोजक राजू पाटनकर ने बताया महाराष्ट्र में मां ताप्ती सम्पूर्ण परिक्रमा पदयात्रियो ने ताप्ती पूर्णा संगम,चांगदेव तीर्थ,आदि शक्ति संत मुक्तामाई मेहूँन आदि सुप्रसिद्ध फलदायी तीर्थो के दर्शन किए और बुधवार को महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल त्रिवेणी संगम रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग जहाँ बताया जाता है कि यह विश्वामित्र की तपोभूमि है। सृष्टि का प्रथम गायत्री यज्ञ भी इसी स्थल पर होना बताया जाता है। इस स्थान पर प्रभु श्रीरामचंद्र एवं श्री लक्ष्मण ने शिवलिंग की स्थापना कर पूजन आराधना की। इस कारण इस स्थल का नाम ही रामेश्वरम है। इस स्थल पर शिवरात्रि को मेला लगता है। पाटनकर ने बताया जैसे जैसे पदयात्रा आगे बढ़ेगी और भी कई पुण्य फलदाई ताप्ती तीर्थो से पदयात्री दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे। मंगलवार को ग्राम धामनगांव , आमोदा ओर भोकर में स्वल्पाहार,किनोद में भोजन प्रसादी की व्यवस्था की गई थी ।वही डाक्टर गणेश पाटिल,डाक्टर चौहान ने सभी पदयात्रियों का प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण कर आवश्यक निर्देश और दवाइयां भी उपलब्ध कराई।