भगवान श्री कृष्ण ने दिन दुखी सुदामा का गरीबी से किया उद्दार :-

 

भैंसदेही नवापुर मे बंटी धोटे के यहां चल रही भागवत के अंतिम दिन पंडित प्रणव शुक्ल ने कहा की सुदामा न चाहते हुए भी पत्नी के कहने पर श्री कृष्ण के पास अपनी गरीबी दूर करने के लिए जाते है। जहाँ श्री कृष्ण द्वारा उनका भव्य स्वागत व सेवा की जाती है तरह तरह के व्यंजन खिलाये जाते है। जब सुदामा की बिदाई की जाती है तब सुदामा को कुछ नहीं दिया जाता है तब सुदामा मन ही मन सोचता है की भगवान ने तो मुझे कुछ दिया ही नहीं मगर घर आकर देखता है तो झोपडी की जगह महल बना दिखता  है सुदामा समझ जाता है की भगवान ने मुझे सब कुछ बिन मांगे ही दे दिया। कार्यक्रम मे बैतूल हरदा सांसद दुर्गादास उइके भी पधारे और उन्होंने कहा की भागवत हमें नर से नारायण बनने की प्रेरणा देती है। हमें भागवत गीता से बहुत कुछ सीखने को मिलता है जिसे हमें अपने जीवन मे उतारना चाहिए। सांसद महोदय ने नवापुर मंदिर के लिए 5 लाख की भी घोषणा की जिसका सभी ने आभार माना। पंडित प्रणव शुक्ल जी ने भागवत को बड़े ही मार्मिक ढंग से जनता को सुनाया जनता भी अनेको प्रसंगो को मन्त्र मुग्ध होकर एक भाव से सुनती रही। कथा सुनकर इंद्रदेव भी प्रसन्न हो गये और प्रसन्नता पूर्वक वर्षा कर पूर्णआहुति के रूप मे कार्यक्रम को सफल बनाया। अंत मे आरती के पश्चात्  भंडारे का आयोजन किया गया जिसमे हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। शुक्ल जी ने कहा धोटे परिवार ने जिस उद्देश्य से यह भागवत कराई भगवान उनका वह उद्देश्य अवश्य पूरा करेंगे। पंडित प्रणव शुक्ल को न चाहते हुए भी बड़े उदार मन से भावभीनी बिदाई दी गई। अंतिम दिन कथा सुनने व भंडारे की प्रसादी पाने भीड़ उमड़ पड़ी तथा सबने प्रसाद ग्रहण किया।