भोपाल   भोपाल के कोलार में रहने वाले 20 साल के शिवम चौरिकर अगले महीने में जापान के क्योटो शहर में होने वाले वर्ल्ड स्किल कॉम्पटीशन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। अब तक दो बार गोल्ड मैडल जीत चुके शिवम को इस कामयाबी के लिए मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मानित करते हुए कॉम्पटीशन में सफल होने की कामना की है। भोपाल के एलएनसीटी कॉलेज से बीटेक कर रहे शिवम मिनटों में रिन्युएबल एनर्जी के प्रोजेक्ट्स को डिजाइन कर इंस्टॉल कर देते हैं। इसी के चलते उन्हें दो गोल्ड मैडल मिल चुके हैं।

10 अक्टूबर को जापान के लिए होंगे रवाना

शिवम चौरिकर 10 अक्टूबर को दिल्ली से जापान के लिए रवाना होंगे। इसके बाद वे जापान के क्योटो शहर में 15 अक्टूबर को आयोजित वर्ल्ड स्किल कॉम्पटीशन में भारत की तरफ से हिस्सा लेंगे।एलएनसीटी कॉलेज के इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग के एचओडी और शिवम के मेंटर आनंद सिंह ने बताया वह बीटेक के सातवें सेमेस्टर में है। शिवम ने इस साल के जनवरी में नेशनल स्किल कॉम्पटीशन हुआ था। इस प्रतियोगिता में पूरे देश के छात्र शामिल हुए थे। इस कॉम्पटीशन में कंपनी प्रतिभागियों को प्रोजेक्ट बनाने का टास्क देते हैं। कंपनी के दिए गए टास्क के अनुसार शिवम ने एक दिन में ही रिन्युएबल एनर्जी का प्रोजेक्ट तैयार किया था। सॉफ्टवेयर के जरिए उस लोकेशन के रेडिएशन का एनालिसिस किया। इसके बाद प्रोजेक्ट तैयार कर इंस्टॉल किया और एनर्जी तैयार करके दिखाई। शिवम का प्रोजेक्ट पूरे इंडिया में टॉप आया।

चार दिन की प्रतियोगिता में दिखाया दम

दिल्ली में 6 से 10 जनवरी को हुए चार दिन के नेशनल स्किल कॉम्पटीशन में शिवम ने अपने दिमाग का लोहा मनवाया था। ऊर्जा के वैकल्पिक स्त्रोतों को डिजाइन कर एनर्जी उत्पादित करके दिखाई थी। पहले दिन कंपनी के बताए डिजाइन के अनुसार प्लांट डिजाईन किया। दूसरे दिन उसके मैंटेनेंस का काम किया। तीसरे दिन प्लांट चलाकर ऑपरेशन का काम किया और चौथे दिन उसे पूरे तरह से इंस्टॉल किया था।

भारत का प्रतिनिधत्व करना गौरव की बात- शिवम

शिवम चौरिकर ने कहा- जापान में होने वाले वर्ल्ड स्किल कॉम्पटीशन को ओलंपिक ऑफ स्किल भी कहा जाता है। भारत का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। ये चार दिन का कॉम्पटिशन क्येटो में होगा। पहले ये चाइना के संघाई में होने वाला था। लेकिन कोरोना के कारण नहीं हो पाया। मप्र सरकार ने बहुत सहयोग किया। पहले नेशनल में जाने के लिए बहुत से पड़ाव होते हैं। पहले रीजनल कॉम्पटिशन फिर नेशनल के विनर्स को वर्ल्ड स्किल कॉम्पटिशन में जाने का मौका मिलता है। कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए जो भी वैकल्पिक ऊर्जा स्त्रोत विकसित कर सकते हैं। कैसे हम नए एनर्जी सोर्स डेवलप कर सकते हैं। हम इस पर काम कर रहे हैं।