कुन्बी समाज संगठन भैंसदेही का चिंतन शिविर और त्रैमासिक बैठक संपन्न
*कुन्बी समाज संगठन भैंसदेही का चिंतन शिविर और त्रैमासिक बैठक संपन्न*
*समाज महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने सखी-सहेली कार्यक्रम करेगा आयोजित*
भैंसदेही क्षत्रीय लोणारी कुन्बी समाज संगठन भैंसदेही का चिंतन शिविर एवं त्रैमासिक बैठक गुदगांव आठनेर रोड स्थित शुभ मंगलम मैरिज लॉन में संपन्न हुई। जिसमें समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई। बैठक की शुरूआत छत्रपति शिवाजी महाराज के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण से की गई। जिसके पश्चात मंचासीन अतिथि वामन महाले, चन्द्रभान बारस्कर, सुखदेव घानेकर, कृष्णराव खासदेव, राजेन्द्र महाले, मनीष नावंगे, पुष्पा खाड़े, सत्यदेवी लोखंडे, माध्वी देशमुख, प्रमिला धाड़से, नारी उत्थान समिति जिलाध्यक्ष संगीता घोड़की द्वारा समाज से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर स्वजातीय बंधुओं से चर्चा की। खासकर मृत्यु भोज में व्यंजनो एवं बढ़ते जनसैलाब तथा शोक संदेश कार्ड, विवाह समारोह में दिखावा, फिजूलखर्ची पर नियंत्रण, कन्यादान महोत्सव को प्रोत्साहन, युवाओं में विकराल रूप लेती नशे की लत तथा नशे से होने वाले दुष्परिणामों, सामाजिक कुरीतियों के सुधार में युवा पीढि एवं मातृशक्ति की अहम भूमिका पर चिंतन तथा उनको मुख्य धारा से जोड़ने, समाज के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों की उत्तम शिक्षा, व्यवस्था, छात्रावास, केरियर गायडेंस, कोचिंग, लायब्रेरी की व्यवस्था, कृषि कार्य से जुड़े युवको के विवाह एवं बेटियों के विवाह में देरी तथा माता-पिता की बगैर सहमति से विवाह, सामाजिक समरसता, पारिवारिक सद्भाव, रिस्तों का मूल्य, परिवार विघटन पर मार्गदर्शन हेतु सहजीवनारंभ कार्यक्रम, सामाजिक कार्यक्रमों में पाश्चात्य संस्कृति की नकल, मातृभाषा मराठी की घटती लोकप्रियता और समाज के बच्चों को अच्छे-अच्छे स्कूलों, कॉलेजों में एडमिशन और अच्छी-अच्छी नौकरीयों व रोजगार एवं अन्य पिछड़ा वर्ग आरक्षण से संबंधित जानकारी पर चिंतन किया गया और इन मुदें को गांव-गांव तक पहुंचाने की रणनीति तैयार की गई। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रवक्ता सुरेन्द्र कनाठे एवं विनोद कनाठे तथा आभार विश्वनाथ बोड़खे द्वारा किया गया।
*महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने नवंबर में होगा कार्यक्रम*
बैठक में महिला संगठन द्वारा एक विशेष ज्वलंत मुद्दा जैसे कि तलाकशदा विधवा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी आय से संबंधित जीविका के माध्यम से परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए सखी-सहेली नाम से कार्यक्रम शुरू करने की बात कहीं गई। जिसके लिए एक विशेष कार्यक्रम की सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया गया, जिसका आयोजन नवम्बर माह में किये जाने पर विचार हुआ। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने सिलाई-कढ़ाई, बुनाई, मसाला उद्योग, ब्युटीपार्लर सहित गृह उद्योग प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे। जिससे सखी सहेलिया अपने पैरों पर खड़े होकर परिवार आसानी से चला सके।
*बैठक में यह रहे मुख्य रूप से मौजूद*
बैठक में कुन्बी समाज संगठन के ब्लाक अध्यक्ष मनीष नावंगे ने भी अपने विचार व्यक्त किये। बैठक में बालकृष्ण वागद्रे, डॉ. यादोराव बारस्कर, विश्वनाथ देशमुख, दिनेश महाले, डॉ दिनेश दवंडे, रवि धाड़से, पिंटू चढोकार, दिलीप ठाकरे, डॉ. इन्द्रदेव लिखितकर, अजाबराव लिखितकर, राज धाडसे, अधिवक्ता राजेश सराटकर, मोहित खाड़े, रवि बारस्कर, हनवंत पांसे, अशोक धोटे, मधुकर बारस्कर, अनिल गीद, नारायण गीद, घनश्याम धोटे, आदित्य लिखितकर, भावेश चढोकार, मीडिया प्रभारी कमलेश कावड़कर, राहुल पवार, श्रीमति छाया नावंगें, कविता कावडकर, नमिता धाड़से, पूनम बाडखे, अर्चना धाड़से, बरखा सोनारे, रश्मी धाड़से सहित अन्य लोग मौजूद रहे।