*कुन्बी समाज भैंसदेही ने रोपे 100 से अधिक पौधे* 
*पौधों के संरक्षण और पालन का लिया संकल्प* 

भैंसदेही क्षत्रिय लोणारी कुन्बी समाज संगठन भैंसदेही द्वारा वृहद स्तर पर पौधारोपण किया गया। बांसनेरखुर्द के मेन रोड से लेकर गांव तक लगभग 100 से अधिक पौधे लगाये गये। जिसमें सामाजिक बंधुओं ने अपनी सहभागिता निभाई। कुन्बी समाज संगठन भैंसदेही के ब्लाक अध्यक्ष मनीष नावंगे ने बताया कि समाज संगठन द्वारा बांसनेरखुर्द में पौधोरोण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कार्यक्रम के तहत नीम, करंजी, आम, बेलपत्र सहित अन्य प्रजातियों के करीब 100 से अधिक पौधे लगाये गये और सभी ने पौधों के संरक्षण और देखभाल का संकल्प लिया। कार्यक्रम में समाज ब्लॉक अध्यक्ष मनीष नावंगे, कृष्णराव खासदेव, गणेशराव खाड़े, ब्रहमदेव (पटेल) कुबड़े, देवीदास खाड़े, प्रमोद महाले, प्रवक्ता सुरेन्द्र कनाठे, सीताराम धाड़से, हनवंत पांसे, अशोक अड़लक, मोहन माकोड़े, गुलाबराव सेलकरी, डॉ. इन्द्रदेव लिखितकर, सहादेव लोखंडे, अनिल गीद, यादोराव बारस्कर, जयदेव ठोके, आनंदराव धाड़से, अनिल धोटे, अशोक धोटे, दिनेश कारे सचिव, महादेव बारस्कर, दिनेश बारस्कर, जयदेव धाड़से, सुमित पाटनकर, कमलेश कावड़कर, महिला संगठन से महिला संगठन ब्लाक अध्यक्ष सत्यदेवी लोखंडे, कुसूम खाड़े, प्रमिला धाड़से, पुष्पा खाड़े, कविता कावड़कर, छाया नावंगे, पावस महाले, सुनिता माकोड़े, यसोदा बंजारे, विनिता धाड़से, कौशल्या अड़लक, सहित अन्य लोग मौजूद रहे। इस अवसर पर सामाजिक बंधुओं की बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में सुरेन्द्र कनाठे ने कहा कि पौधारोपण एक कार्यक्रम तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए। इसे हमे अभियान बनाकर काम करना होगा। पौधा लगाना, उसका बच्चे की तहर पालन-पोषण करना हम सब की जिम्मेदारी है। इसे महिलाएं भी बखुबी निभाये। श्री कनाठे ने कहा कि संगठन द्वारा हर साल पौधारोपण किया जाता है। प्रमोद महाले ने कहा कि पौधा न सिर्फ धरती का श्रंगार करता है, बल्कि हमे कई उपयोगी चीजे भी देता है। सबसे महत्वपूर्ण पौधों से मिलने वाली ऑक्सीजन और जड़ी-बूूटियां है, जो मानव जीवन के लिए अत्यंत जरूरी है। ब्रम्हदेव कुबड़े पटेल ने कहा कि हमे न सिर्फ पौधे लगाने चाहिए, बल्कि पौधे लगाने के लिए अन्य लोगों को भी प्रेरित करना चाहिए। कार्यक्रम हो या शादी सभी में पौधे भेंट करना चाहिए। उन्होनेे कुछ व्यक्तिगत उदाहरण देकर भी लोगों को पौधा रोपण करने के लिए प्रेरित किया इसके अलावा और भी वक्ताओं ने अपने-अपने विचार रखें। बैठक में सैकड़ों सामाजिक बंधु मौजूद रहे।