वाशिंगटन। इजरायल और हमास के बीच पिछले कई महीनों से जारी जंग में ईरान सीधे-सीधे कूद सकता है। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान सीरिया में अपने वाणिज्य दूतावास पर संदिग्ध इजरायली हमले का जवाब देने की तैयारी कर रहा है, इतना ही नहीं ईरान ने अमेरिका से ‘साइड हटने के लिए कहा है। वहीं मीडिल ईस्ट में ईरान के मुख्य प्रतिनिधि हिजबुल्लाह ने भी इजरायल को चेतावनी दी है कि वह युद्ध के लिए तैयार है। 
रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने अमेरिका को एक लिखित संदेश भेजा है, जिसमें अमेरिका को नेतन्याहू के जाल में न फंसने की चेतावनी दी है। उधर ईरानी राष्ट्रपति के राजनीतिक मामलों के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद जमशीदी ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का जिक्र करते हुए लिखा, अमेरिका को ‘अलग हट जाना चाहिए ताकि आप पर आंच न आए। जमशीदी के मुताबिक, ‘इस पत्र के जवाब में अमेरिका ने ईरान से अमेरिकी ठिकानों पर हमला नहीं करने को कहा है। ईरान द्वारा कथित रूप से भेजे गए संदेश पर अमेरिका की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई है। हालांकि मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि अमेरिका हाई अलर्ट पर है और क्षेत्र में इजरायली या अमेरिकी ठिकानों के खिलाफ ईरान से ‘महत्वपूर्ण’ प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है। 
वहीं मीडिया रिपोर्ट में दो अनाम अमेरिकी अधिकारियों का हवाला देकर कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन का प्रशासन चिंतित है कि इजरायल के अंदर कोई भी हमला हो सकता है। वहीं रिपोर्ट के अनुसार,बाइडन प्रशासन ने ईरान को सीधे सूचित करने का असामान्य कदम उठाया कि अमेरिका इस बात से अनभिज्ञ था कि दमिश्क में सोमवार को हमला होगा। इससे पता चलता है कि अमेरिका मध्य पूर्व में अपनी सेना और ठिकानों पर हमले को रोकने की कोशिश कर रहा था। 
उधर इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने कहा है कि वह अपने कट्टर दुश्मन इजरायल को एक ‘थप्पड़’ मारेगा। फिर भी, यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा कब होगा और क्या ईरान सीधे इजरायल पर हमले की कोशिश करेगा या लेबनान में स्थित हिजबुल्लाह जैसे अपने किसी प्रॉक्सी समूह के द्वारा इस अंजाम देगा। बता दें कि दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर हवाई हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के अनुभवी कमांडर मोहम्मद रजा ज़ाहेदी और उनके डिप्टी सहित सात ईरानी मारे गए थे। इजरायल ने वैसे पिछले कुछ महीनों के दौरान सीरिया में ईरान से जुड़ी संपत्तियों को कई बार निशाना बनाया है, हालांकि यह पहला मौका था जब किसी ईरानी राजनयिक भवन पर हमला हुआ। 
इस हमले के बाद ईरान ने इजरायल से इसका बदला लेने की कसम खाई है। वहीं इजरायल भी तब से अलर्ट पर है और उसने लड़ाकू सैनिकों की घरेलू छुट्टियां रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही रिजर्व सैनिकों को ड्यूटी पर बुला लिया है और हवाई सुरक्षा बढ़ा दी है। इसकी सेना ने देश पर दागे जा सकने वाले जीपीएस-नेविगेटेड ड्रोन या मिसाइलों को बाधित करने के लिए गुरुवार को तेल अवीव के ऊपर नैविगेशन सिग्नल को भी खंगाला। 
वहीं इजराइल ने लोगों से अपील की गई है कि वे रॉकेट हमलों को लेकर अलर्ट जारी करने वाली एप पर अपनी लोकेशन मैन्युअली सेट करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जीपीएस इंटरफेयरेंस के बीच आम लोगों की लोकेशन ठीक सटीक रहे।