इन्दौर । चिकित्सा के क्षेत्र में इन्दौर को अगले माह एक बड़ी सौग़ात मिलेगी। शासकीय सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 14 नवंबर तक बोन मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट प्रारंभ हो जाएगी। साथ ही सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब बायपास, स्टंट डालना एवं हृदय रोग से जुड़ी सर्जरी हो सकेगी, थैलेसीमिया से पीड़ित रोगियों को भी बड़ी राहत मिलेगी। सांसद शंकर लालवानी और संभागायुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने आज इस संबंध में चल रहे कार्यों का अस्पताल पहुंचकर निरीक्षण किया।  
डॉ. ए.डी. भटनागर ने बताया कि बोन मेरो ट्रांसप्लांट यूनिट का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। सांसद लालवानी ने कहा कि इस यूनिट में बनाए जाने वाले कुल 10 बेड में से पाँच बच्चों के लिए आरक्षित रखे जाएं और शेष पाँच अन्य के लिए उपलब्ध रखे जॉंए। संभागायुक्त डॉ. शर्मा ने सभी डॉक्टर्स और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्य द्रुतगति से पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करें। 
निरीक्षण के समय सांसद लालवानी ने थैलीसीमिया से पीड़ित 18 साल से ऊपर के बच्चों का इलाज अब चाचा नेहरू हॉस्पिटल में करने के निर्देश दिए है। बताया गया कि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अब बायपास, स्टंट डालना एवं हृदय रोग से जुड़ी सर्जरी हो सकेगी। इसके लिए आवश्यक मशीनों की खरीदारी के आदेश दिए हैं और संभवत 1 महीने में कार्डियक ऑपरेशन पूरी क्षमता से शुरू हो जाएंगे। सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बोन मेरो ट्रांसप्लांट भी हो सकेंगे। अब तक यह सुविधा सिर्फ एमवाय अस्पताल में उपलब्ध थी लेकिन वहां पर वेटिंग लिस्ट बहुत लंबी है साथ ही निजी अस्पतालों में बोन मैरो ट्रांसप्लांट का खर्च 30 से 40 लाख रुपए तक का आता है। ऐसे में इंदौर को यह बड़ी सौगात सम्भवतः नवंबर तक मिलने जा रही है जिसके अंतर्गत सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 10 बोन मेरो ट्रांसप्लांट की सुविधा वाली यूनिट शुरू हो जाएगी। निरीक्षण के दौरान अपर आयुक्त राजस्व रजनीश कसेरा और डॉ. सुमित शुक्ला भी उपस्थित थे।