इंदौर  ।   देश में स्वच्छता के सरताज बने इंदौर में आए दिन पर्यावरण और प्रकृति को सहजने के लिए नवाचार होते रहते हैं। इसी क्रम में अब ग्रीन वेस्ट से खाद के अलावा अब बायोफ्यूल एनर्जी भी प्राप्त होगी। इससे निगम को प्रतिदिन करीब 25 लाख रुपये की रायल्टी मिलेगी। करीब 10 दिनों में प्लांट के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। अभी तक शहर में ग्रीन वेस्ट से केवल खाद बनाने का काम चल रहा है। शहर में अब ग्रीन वेस्ट यानी पत्तियों, टहनियों और डालियों से ऊर्जा के लिए प्लांट तैयार किया जाएगा। यह प्लांट संभवत: बिचौली मर्दाना या देवगुराड़िया में बनेगा। इसमें करीब 100 टन प्रतिदिन ग्रीन वेस्ट की खपत होगी जिससे करीब 40 टन बायोफ्यूल तैयार होगा। ग्रीन वेस्ट को क्यूरिंग, शेडिंग, कंप्रेस प्रक्रिया से गुजारा जाएगा। इसके बाद बायोफ्यूल का बाक्स बनेगा। इस प्रक्रिया में करीब तीन दिन लगेंगे। बताया जा रहा है कि इस बायोफ्यूल के जलने से धुआं या कार्बन उत्सर्जन नहीं होगा।

बायोफ्यूल की बिक्री के बाद नगर निगम को प्रतिदिन 27 लाख रुपये की रायल्टी मिलेगी। फिलहाल शहर में पांच जगह ग्रीन वेस्ट से खाद बनाने के प्लांट लगे हैं। इनसे कुल 40 टन प्रतिदिन खाद बनती है। इसका प्रयोग निगम के बगीचे, डिवाइडर आदि में लगी हरियाली में डालने में किया जाता है।

शहर के वेस्ट से हो रही है निगम की कमाई

बायो सीएनजी- 2.5 करोड़
सूखा कचरा- 1.5 करोड़
गीला कचरा- 2.7 करोड़

(नोट- सभी आय वार्षिक हैं।)

खजराना में फूलों से बन रही खाद

देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर स्वच्छता को लेकर काफी सजग रहता है। कचरे से खाद तैयार करने वाला यह शहर अब मंदिर निकलने वाले फूलों और मालाओं से भी खाद तैयार कर रहा है। शहर की सामाजिक संस्थाएं खजराना मंदिर से फूलों को इकट्ठा करके खाद बना रही है। खाद के अलावा फूलों के वेस्ट से अगरबत्ती और धूप बत्ती बनाई जा रही है। यह तकनीक पर्यावरण में सहयोग करने के साथ ही संस्थाओं की कमाई का जरिया बन रही है। इन फूलों से करीब 20 टन खाद बनाई जा रही है, जो शहर के उद्यानों में उपयोग लाई जा रही है।

10 दिनों के भीतर कंपनी को टेंडर जारी कर दिया जाएगा। इससे शहर में ग्रीन वेस्ट का सही उपयोग हो सकेगा। अभी तक ग्रीन वेस्ट से केवल खाद बनाई जा रही है जिसका प्रयोग केवल सरकारी बगीचों, कार्यालयों और डिवाइडर पर लगी हरियाली पर होता है। ग्रीन वेस्ट से बनने वाले बायो फ्यूल से नगर निगम को करीब 25 लाख रूपये प्रतिदिन की रायल्टी मिलेगी जिससे विकास कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।

- सिद्धार्थ जैन, अपर आयुक्त, नगर निगम