*गांव-गांव बिक रही अवैध कच्ची शराब, लापता आबकारी विभाग* 

भैंसदेही  भैंसदेही ब्लाक के कई गांवों में अवैध कच्ची शराब बनाई और बेची जा रही है। अवैध कच्ची शराब बिक्री पर अंकुश नहीं लगने से गांवों का माहौल बिगड़ रहा है। खासबात यह है कि अवैध कच्ची शराब बिक्री पर रोक लगाने की जिम्मेदारी जिस आबकारी विभाग की है, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उस विभाग के उपनिरीक्षक महिनो से दफ्तर तक नहीं पहुंचे। इससे अवैध शराब विक्रेताओं के हौंसले और बढ़ गये है। हालात यह है कि ग्रामीणों में आसानी से कच्ची महुंआ शराब उपलब्ध कराई जा रही है।  इससे युवा पीढ़ी नशे की लत की आदी होती जा रही है। ऐसा भी नहीं है कि शराब के अवैध कारोबार की जानकारी आबकारी विभाग और पुलिस प्रशासन को न हो, लेकिन कोई ठोस कार्रवाही नहीं की जा रही। सूत्र बताते है कि ग्रामीण क्षेत्रों में महुए की शराब बेहद प्रचरित भी है और आसानी से मिलने वाली चीज भी, यहां तक कि किराना दुकानों में तक अवैध कच्ची शराब बेची जा रही है। भीमपुर क्षेत्र के चांदू, रंभा सहित अन्य गांवों में अवैध कच्ची शराब का कारोबार बेधडक़ चल रहा है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन झगड़े हो रहे है। विशेष तौर पर पुरुषों की शराबखोरी की लत के कारण महिलाएं परेशान हो रही हैं। गृह कलह से जूझ रही है। इसके बाद भी अवैध कच्ची शराब के खिलाफ ठोस कार्रवाही तक नहीं हो रही है।  
*कार्रवाही नहीं होने से मिल रही शह -*
अवैध कच्ची शराब बेचने वाले बदमाशों पर कार्रवाही करने की बजाय आबकारी विभाग सरंक्षण दे रहा है। इससे कच्ची शराब बेचने वालों को शह मिल रही है और इनका कारोबार फल-फूल रहा है। आबकारी विभाग की टीम छापा मारने से पहले ही अवैध शराब विक्रेताओं को इसकी सूचना भी मिल जाती है और वे समय रहते शराब को ठिकाने लगा देते है। जिससे ठोस कार्रवाही नहीं होती और जगह-जगह कच्ची शराब का कारोबार चल रहा है। इन सब बातो से लगता आबकारी विभाग को क्षेत्र में बिक रही अवैध कच्ची शराब से कोई मतलब नहीं, तभी शायद अवैध शराब के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाही नहीं हो रही है।   
*उप निरीक्षक गायब, सिपाही संभाल रहे कार्यालय -* 
आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक हप्तो से कार्यालय नहीं पहुंचे। सूत्रों की माने तो स्वतंत्रता दिवस पर भी आबकारी विभाग के सिपाही ने ध्वजारोहण किया। आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक कभी कभार ही भैंसदेही क्षेत्र आते है। जिसके कारण अवैध कच्ची शराब विक्रेताओं पर बड़ी कार्रवाही नहीं हो पा रही। बताया जाता है कि आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक की सुस्त कार्यप्रणाली के कारण ही गांवों में खुलेआम कच्ची शराब का कारोबार चल पड़ा है। यदि निरंतर कार्रवाही होती तो शायद अवैध कच्ची शराब के कारोबार पर अंकुश लग जाता, लेकिन आबकारी विभाग के उपनिरीक्षक साहब इस ओर ध्यान नहीं देते है। इसके अलावा फोन भी नहीं उठाते। इससे कई बार सूचना देने वाले लोग सूचना नहीं दे पाते। आबकारी उप निरीक्षक की इस कार्यप्रणाली से लोगों में रोष भी है। 

*इनका कहना है -* 

आप मुझे गांव और जो अवैध कच्ची शराब बेच रहे है उनके नाम बता दीजिये, मैं निश्चित तौर से कार्रवाही करूंगा। भैंसदेही वृत्त के आबकारी उप निरीक्षक किसी काम में व्यस्त होगे इसलिए फोन नहीं उठा पाये होगे। मैं फिर भी उनसे इस संबंध में चर्चा करूंगा। 
- *अशोक माहोरे, सहायक आबकारी अधिकारी, बैतूल*