इससे पहले के लेख में हमने आपको पुरुष नागा साधु के बारे में बताया था लेकिन आज हम आपको महिला नागा साधुओं की रहस्यमयी दुनिया से अवगत कराने जा रहे हैं आमतौर पर महिला नागा साधुओं का जिक्र बहुत ही कम होता है क्योंकि महिला नागा साधु दुर्लभ ही दिखाई देती है

कई लोगों को तो यह भी नहीं पता है कि पुरुष नागा साधु की तरह ही महिला नागा साधु भी होती है हिंदू धर्म में नागा साधु को अघोरी के नाम से भी जाना जाता है इनकी दुनिया बड़ी रहस्यमयी होती है ये अपना पूरा जीवन ईश्वर आराधना में लगाते हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा महिला नागा साधु के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया-
ऐसा कहा जाता है कि जिस प्रकार से पुरुष नाग साधु होते है ठीक उसी तरह से ही महिला नागा साधु भी होती है महिला नागा साधु बनने के लिए भी महिलाओं को पुरुषों जितना कड़ा तप करना होता है उन्हें कई कठिन परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है इनकी ये परीक्षा कई वर्षों तक चलती है महिला नागा साधु बनने के लिए सख्त ब्रह्मचर्य का पालन करन होता है और जीवित रहते हुए ही अपन पिंडदान किया जाता है ये अपना सिर भी मुंडवाती है फिर पवित्र नदी में स्नान करने के बाद इन्हें महिला नागा साधु का दर्जा प्राप्त होता है।

आपको बता दें कि महिला नागा साधु बहुत ही दुर्लभ अवसरों पर दर्शन देती है कहा जाता है कि ये लोग आम जनजीवन से बहुत दूर और घने जंगलों, पहाड़ों और गुफाओं में ही रहती है इनका अधिक वक्त भगवान की भक्ति में ही गुजर जाता है महिला नागा साधु केवल कुंभ या महाकुंभ में ही नजर आती है और फिर अचानक से ये वहां से भी गायब हो जाती है महिला नागा साधुओं का नाम जरूर नागा साधु होता है लेकिन ये निर्वस्त्र नहीं रहती है महिला नागा साधु वस्त्रधारी होती है और गेरुए रंग के बिना सिले हुए वस्त्र धारण करती है। हिंदू धर्म में इन्हें बहुत सम्मान मिलता है और माता कहकर सबोधित किया जाता है।