*अक्षयकुमार का वध कर हनुमान ने जलाई रावण की लंका*


भैंसदेही:-नवयुवक दुर्गा रामलीला मण्डल द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के आठवें दिन हनुमान सीता संवाद,अशोक वाटिका मे रावण पुत्र अक्षयकुमार वध,लंका दहन व विभीषण शरणागति का शानदार मंचन स्थानीय कलाकारों द्वारा किया गया।मंचन की शुरुवात में अशोक वाटिका में हनुमान की सीता के भेंट होती है और हनुमान उन्हें विश्वास दिलाते है कि वे प्रभु श्रीराम के सेवक है उसके बाद वे सीता से वाटिका के फल खाने की आज्ञा लेते है और वहां पहुचते है जिन्हें वाटिका के राक्षस रखवाले रोकते है तब हनुमान वाटिका को तहस नहस कर देते है इस बात की खबर लगते ही रावण पुत्र अक्षयकुमार वाटिका पहुचते है और वहां दोनों के बीच भीषण युद्ध होता है जिसमे अक्षयकुमार मारा जाता है यह बात रावण को दरबार मे पता लगती है तब मेघनाद वाटिका जाने की बात करते है और रावण मेघनाद को जाने की आज्ञा देते है वाटिका में हनुमान की उछल कूद देख मेघनाद काफी क्रोधित होता है और ब्रह्म अस्त्र का प्रयोग कर हनुमान को बंदी बनाकर रावण के समक्ष ले जाता है जहां पर रावण और हनुमान में संवाद होता है जिसमे रावण क्रोधित होकर हनुमान को मृत्युदंड देने का कहता है तब विभीषण रावण को ऐसा करने से रोकते है और हनुमान की पूछ में आग लगाने का सुझाव देते है जैसे ही हनुमान की पूछ में आग लगाई जाती है वो  पूरी सोने की लंका को आग के हवाले कर देता है।लंका दहन करने के बाद हनुमान सीता से जाने की आज्ञा मांगते है और अपनी निशानी देने का आग्रह करते है तब सीता हनुमान को चूड़ामणि देती है जिसे लेते ही हनुमान वहां से निकल जाते है और समुद्र पार उनकी राह देख रही वानर सेना से मिलते है।अगले दृश्य में विभीषण रावण को नीति का पाठ पढ़ाता है जिससे क्रोधित होकर रावण उसे लंका से निष्कासित कर देता है उसके बाद विभीषण रामनाम का स्मरण करते हुए राम के समक्ष आते है और शरण देने का आग्रह करता है जिसे राम द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है।रामलीला में अक्षय कुमार का अभिनय रमेश नावांगे, मेघनाद का अभिनय नितेश मालवीय व विभीषण कक अभिनय दलजीत मनवर के द्वारा शानदार तरीके से प्रस्तुत किया गया।रामलीला का मंचन देखने नगर समेत आसपास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में दर्शक पहुंच रहे है।